दनोदा का छौरा सचिन अरुणाचल से गुजरात तक चलाएगा साइकिल
सच कहूँ-बिंटू सिंह
नरवाना। बिनैण खाप के गांव दनोदा के छौरे पर्वतारोही सचिन ने पर्यावरण बचाने के लिए अरुणाचल प्रदेश से गुजरात तक की अपनी साइकिल यात्रा शुरू कर दी है। पिछले साल भी पर्वतारोही सचिन ने बेटी बचाओ का संदेश देने के लिए कन्याकुमारी से कश्मीर तक की साइकिल यात्रा 4077 किलोमीटर पूरी की थी। इस साल सचिन पूर्व से पश्चिम छोर को साइकिल से पूरा करेंगे। साइकिल यात्रा शुरू करने से पहले सचिन ने बताया कि बेशक उसने एक गरीब परिवार में जन्म लिया है।
औरों से कुछ अलग करने की तमन्ना में आड़े नहीं आएगी सचिन की गरीबी
उसकी यह गरीबी औरों से कुछ अलग करने की तमन्ना में आड़े नहीं आएगी। क्योंकि उसका मानना है की इंसान की सच्ची लगन और उसका अदम्य साहस उसे एक दिन सफलता की सीढ़ी पर जरूर पहुंचाता है। गौरतलब है कि इससे पहले सचिन कन्याकुमारी से खारदुंगला 4077 किलोमीटर की साइकिल यात्रा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ व पर्यावरण संरक्षण लेकर 37 दिन में पूरी कर चुका है।
हिमालय की सात दुर्गम चोटियों को फतेह कर चुका है सचिन
हिमालय की सात दुर्गम चोटियों को फतेह कर चुका है। पिछले लगातार दो सालों से दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए चयन हो चुका है लेकिन आर्थिक हालत की वजह से सचिन का यह सपना अभी तक साकार नहीं हुआ है। लेकिन लगातार हो रही असफलता भी सचिन दनोदा के हौंसले को तोड़ नहीं पाई है और सचिन ने दुगनी ऊर्जा से इस मिशन की शुरुआत की है। जो आज की युवा पीढ़ी के लिए एक उदाहरण पेश करती है। अब सचिन का सपना दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एवरेस्ट को फतह करना है।
माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में सरकार से की आर्थिक सहायता करने की अपील
सचिन ने युवाओं के लिए कहा कि हमें अपने जीवन मे कभी हार नहीं माननी चाहिए। मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है। आज नही तो कल सफलता हमारे कदमों में होगी। सचिन ने केंद्र सरकार व राज्य सरकार से अपील की है कि वह माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने में आर्थिक सहायता करे ताकि वह अपने देश, प्रदेश का नाम पूरी दुनिया मे रोशन कर सके।
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