पाकिस्तान नहीं, कश्मीर के युवाओं से करेंगे बात : अमित शाह
श्रीनगर (एजेंसी)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के लोगों से कहा कि सरकार केंद्र शासित प्रदेश में समस्याओं के समाधान के लिए उनके बातचीत करने के लिये तैयार है। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि वह पाकिस्तान से नहीं, बल्कि वहां रहने वाले युवाओं से बात करना चाहते हैं। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से राज्य की अपनी पहली यात्रा के अंतिम दिन शाह ने कहा, ‘हमारे इरादे नेक हैं। हम उन लोगों को नहीं बख्शेंगे, जो जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा डालने की कोशिश करेंगे। शाह ने यहां की सत्ता में रहे ‘तीन राजवंशों’ पर भी तीखा हमला किया और उन्हें कश्मीर घाटी में लोगों की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया। गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता किए जाने का समर्थन किया था। वहीं गृहमंत्री जब मंच पर बोलने के लिए आए तो उससे पहले उन्होंने वहां लगी बुलेटप्रूफ कांच को हटवाया। सुरक्षा कर्मियों द्वारा बुलेटप्रूफ कांच हटाए जाने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर के लोगों से सीधे बात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे ताना मारा गया, निंदा की गई … आज मैं आपसे खुलकर बात करना चाहता हूं। यही वजह है कि यहां कोई बुलेटप्रूफ शील्ड या सुरक्षा नहीं है।
फारुक साहब ने मुझे पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी थी
शाह ने अपनी तीन दिन की जम्मू-कश्मीर यात्रा के आखिरी दिन श्रीनगर में डल लेक के किनारे शेर-ए-कश्मीर प्रेक्षागार में सरपंचों की सभा को संबोधित करते हुए कहा, ”आज मैं आपसे खुले तौर पर बात करना चाहता हूं इसीलिये आप लोगों के बीच बिना बुलेटप्रूफ कवर के आया हूं। फारुक (अब्दुल्ला) साहब ने मुझे पाकिस्तान से बात करने की सलाह दी थी, लेकिन मैं घाटी के लोगों, अपने युवाओं से बात करूंगा।”
उन्होंने रविवार को युवाओं को संबोधित करते हुए कहा था, ”मैं आप लोगों से बात क्यों न करूं। हम युवाओं से बात करना चाहते हैं। जब मेरी पहली दफा उनसे बात हुई थी, तब मैंने उनसे कहा था कि मैं उनके साथ दोस्ती चाहता हूं। मैंने दोस्ती का हाथ बढ़ाया है और मैं निश्चिंत हूं कि हमारे दिल में कोई द्वेष नहीं है। जम्मू-कश्मीर का विकास ही हमारा एकमात्र मकसद है।”
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि शांति हर कीमत पर बहाल होगी। पारंपरिक कश्मीरी परिधान फेरन धारण किए हुए शाह ने कहा कि उन्हें अक्सर यह पूछा जाता है कि घाटी में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर में कर्फ्यू क्यों लगाया गया था और इंटरनेट की सेवा क्यों बंद की गई थी?
तीन परिवारों‘ पर कटाक्ष
गृह मंत्री ने कहा, ”आज मैं जवाब देता हूं। ऐसा हमारे युवाओं के जीवन की रक्षा और उन्हें बचाने के लिए किया गया था। हम नहीं चाहते थे कि निहित स्वार्थ और शांति विरोधी तत्व स्थिति का फायदा उठाएं और हमारे युवाओं को गोलियों का सामना करने के लिए सड़कों पर धकेलें। कश्मीरी युवाओं की जान बचाने के लिए यह कदम उठाया गया था।” जम्मू-कश्मीर के ‘तीन परिवारों‘ पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि वे 70 वर्षों में उतना विकास क्यों नहीं ला सके, जितना मोदी सरकार पिछले दो वर्षों में ला पाने में कामयाब हुई है। उन्होंने कहा, ”अब अपने जान-पहचान वालों को नौकरी देने का आपका समय चला गया है। अब जो योग्य होगा, उसे ही काम मिलेगा, लेकिन वो इस बात को लेकर हैरान हैं कि इनकी सहमति के बिना किसी को काम कैसे मिल सकता है।”
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।