नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। आधुनिक भारतीय हॉकी के दीवार भारत के पूर्व गोलकीपर पीआर श्रीजेश को देश के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। मौजूदा भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम के कोच के रूप में कार्यरत भारत के पूर्व गोलकीपर श्रीजेश महान मेजर ध्यानचंद के बाद पद्म भूषण प्राप्त करने वाले दूसरे हॉकी खिलाड़ी बन गए हैं। मेजर ध्यानचंद को वर्ष 1956 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। हॉकी इंडिया ने श्रीजेश को उनकी इस उपलब्धि के लिये बधाई दी है।
श्रीजेश ने अपने 18 साल के शानदार करियर में 336 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह लंदन 2012, रियो 2016, टोक्यो 2020 और पेरिस 2024 में भारतीय टीम के अहम सदस्य रहे। इसके अलावा उन्होने 2014 और 2022 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक विजेता , 2018 के एशियाई खेल में कांस्य पदक विजेता , 2014 और 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक विजेता भारतीय टीम में भागीदारी की। उन्होंने भारत को चार बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (2011, 2016, 2018 और 2023) जीतने में अहम भूमिका निभाई है।
भारतीय हॉकी की इस अटूट दीवार ने पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाने के बाद अपने करियर से सन्यास ले लिया। श्रीजेश को 2021, 2022 और 2024 में एफआईएच गोलकीपर आॅफ द ईयर, 2015 में अर्जुन पुरस्कार, 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार और 2021 में वर्ल्ड गेम्स एथलीट आॅफ द ईयर से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, एक कोच के रूप में, श्रीजेश ने नवंबर 2024 में जूनियर एशिया कप खिताब जीतने के लिए भारतीय टीम का मार्गदर्शन किया। हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने श्रीजेश की उपलब्धि पर कहा, ‘यह पूरे हॉकी समुदाय के लिए बेहद गर्व का क्षण है कि पीआर श्रीजेश को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है। भारतीय हॉकी में उनका योगदान सचमुच बहुत बड़ा है। उनकी उपलब्धियों ने अनगिनत युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है, और हम उन्हें यह योग्य सम्मान प्राप्त करते हुए देखकर रोमांचित हैं।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, ‘पीआर श्रीजेश की यात्रा समर्पण, दृढ़ता और उत्कृष्टता में से एक है। मैदान पर उनकी प्रशंसा खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दशार्ती है। मेजर ध्यानचंद के बाद पद्म भूषण प्राप्त करने वाला दूसरा हॉकी खिलाड़ी होना उनके असाधारण करियर और भारतीय हॉकी पर उनके स्थायी प्रभाव का प्रमाण है।
पद्म भूषण मिलने पर पीआर श्रीजेश ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘पद्म भूषण पाकर मैं बेहद सम्मानित महसूस कर रहा हूं और इसके लिए मैं भारत सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूं। लगभग दो दशकों से हॉकी मेरी जिंदगी रही है और जब भी मैंने मैदान पर कदम रखा, देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। यह पुरस्कार उन सभी खिलाड़ियों, कोचों और सहयोगी स्टाफ को समर्पित है जो मेरी यात्रा का हिस्सा रहे हैं। मैं मेजर ध्यानचंद के नक्शेकदम पर चलने के लिए आभारी हूं, जो हम सभी के लिए प्रेरणा का एक शाश्वत स्रोत बने हुए हैं।