…जब पूजनीय बेपरवाह सांईं शाह मस्ताना जी महाराज रानियां पधारे!
पूजनीय बेपरवाह सांईं शाह मस्ताना जी महाराज रानियां पधारे हुए थे। रानियां में साध-संगत की सुविधा हेतु कमरों के ऊपर चौबारे बनाने की सेवा चल रही थी। रानियां के थानेदार का रिश्तेदार चौधरी रण सिंह (रिटायर्ड डीएसपी) महम से रानियां अपने बहनोई से मिलने आया ह...
ये वचन मान लो सारी तकलीफ हो जाएगी दूर…
सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि मालिक, परम पिता परमात्मा का प्यार अनमोल है। वे भाग्यशाली होते है जिन्हें यह अनमोल प्यार मिल जाता है। आज के दौर में प्यार के मीनिंग, मायने बदल गए हैं, क्योंकि लोग सोचते ह...
बेपरवाह जी के इलाही वचन: यह डेरा किसी चंदे, फंड या धोखे की दौलत से नहीं बना
सरसा। धन-धन संतों के न्यारे राम, अलमस्त मौला परम संत शाह मस्ताना जी बिलोचिस्तानी जी, जिन्होंने जंगल बीआबान में डेरा सच्चा सौदा स्थापित कर जंगल में मंगल किया। इसलिए इस न्यारे राम को कोई देखे तो पता चले कि संतों वाला राम क्या-क्या काम करता है।
परम पूज...
…जब पूज्य गुरु जी ने सेवादार के भ्रम को किया दूर
रूहानी करिश्मा: Spiritual
प्रेमी अजैब सिंह इन्सां पुत्र अर्जुन सिंह इन्सां गांव खडियाल ब्लॉक दिड़बा, जिला संगरूर (पंजाब)। प्यारे सतगुरू पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत का उपरोक्त करिश्मा लिखित में इस प्रकार बताते हैं ...
हमेशा अच्छे लोगों का संग करें
सरसा । पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो जीव सत्संग में चलकर आता है, उसके जन्मों-जन्मों के पार्प-कर्म खत्म हो जाया करते हैं। सच वो अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब है और संग उसका मालिक की भक्ति-इबादत करके उस सच ...
नेक कार्यों में समय लगाओ
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि आजकल इन्सान के जीवन का उद्देश्य एक ही है, शारीरिक व पारिवारिक सुख हासिल करना, जिसको पाने के लिए वह सारा-सारा दिन झूठ, ठग्गी, कुफ्र, बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार का सहारा ले...
राम-नाम ही आत्मबल देने वाली ताकत
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब को भुलाए बैठा है। उसको भूलने से इन्सान के अंदर गम, दु:ख, दर्द, चिंता, परेशानियां बढ़ती जाती हैं और इन्सान आत्मिक कमजोरी की वजह...
सोने पे सुहागा है सेवा के साथ सुमिरन: पूज्य गुरू जी | sach kahoon samachar dera sacha sauda
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (sach kahoon samachar dera sacha sauda) फरमाते हैं इस घोर कलियुग में मालिक के प्यार-मोहब्बत में चलना बड़ा मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है। मुश्किल इसलिए है, क्योंकि काम-वासना, क्रोध, लोभ, म...
पूज्य गुरु जी के इंस्ट्राग्राम पर साध-संगत के लिए आया कुछ खास
सरसा। पूज्य गुरु जी के इंस्ट्राग्राम पर नई रील अपलोड की है। रील में पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि आप कर्इं बार कहते हो ना घरों में पैसा कमाते जाते हैं, तनख्वाह बढ़ती जाती है, बचता कुछ भी नहीं। पता नहीं पैसा किधर जाता है। आप एक डायरी लगा लिजिए, आजकल तो आप...
अनमोल वचन : दोनों जहानों में सतगुरु की प्रीत ही सच्ची
सरसा (सकब)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जब तक इन्सान मुर्शिदे-कामिल की शरण में नहीं आता, उसे यह मालूम नहीं होता कि सच्ची प्रीत किसकी है। इन्सान बहुत से यार, दोस्त, मित्र बनाता है, रिश्ते-नाते जोड़ता है लेकिन जब कोई ...