‘इन्सान, इन्सान बने, ऐसी शिक्षा दी जाए’
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी धाम में आयोजित शुक्रवार सायंकालीन रूहानी मजलिस के दौरान फरमाया कि इंसान बेचैन है, गमगीन है, परेशान है, फैसला नहीं ले सकता, डबल मांईड रहता है, नेगिटिव ज्यादा सोचता है, खान-प...
‘नेगेटिव कभी मत सोचो’
आप सत्संग सुनते हो तो कर्म भी आपके कटेंगे
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सत्संग में जब इंसान चल कर आता है। तो दिलों-दिमाग में जो विचार होते हैं, भावनाएं, शंकाएं, सवाल होते हैं उनका जवाब मिल जाता है। इशारा मिल जाता है और सुनकर अमल करे तो वाकई उसकी गम, चिंता,...
ब्रह्मचार्य के पालन से मिलती है सफलता
जैसी सोच होती है, वैसा फल उसे मिलता है
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी धाम में बुधवार को सायं-कालीन रूहानी मजलिस के दौरान फरमाया कि सतगुरु, अल्लाह, वाहेगुरु, राम हर पल, हर जगह, हर समय मौजुद रहता है। इन्सान की ...
राम-नाम लेकर जाप करना अति जरूरी
सत्संग में आने से जहां जन्मों-जन्मों के पाप-कर्म कट जाते हैं
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अगर इन्सान अपने जीवन में यह धार ले कि मैंने घंटा-घंटा सुबह-शाम सुमिरन करना ही करना है, तो उसके आने वाले दुख...
‘अत्याधिक जनसंख्या एक गंभीर समस्या’
लड़के व लड़की में कोई भेदभाव न करें
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने बढ़ती Population पर चिंता जताई है। मंगलवार को World Population Day के अवसर पर पूज्य गुरु जी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर किए ट्विट में जनसंख्या विस्फोट को एक भयान...
परमात्मा को पाने के लिए लगन से सेवा-सुमिरन करो
मालिक को देखने के लिए ध्यान एकाग्र करना होगा
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब कण-कण, जर्रे-जर्रे में मौजूद है। इन्सान हर समय दुनियादारी में मशगुल, मस्त रहता है, जिस कारण इन्...
इन्सानियत के लिए मर-मिटने वाला ही होता है सच्चा मुरीद
काल के चक्रव्यहू को तोड़ने का एकमात्र उपाय है मालिक का नाम
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सतगुरु, मौला, मुर्शिदे-कामिल इस घोर कलियुग में उस सच को कहा जाता है, जो आत्मा और परमात्मा को मिला दे। आत्मा सुमिरन क...
राम-नाम ही बनाता है इन्सान को बे-गम
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक के नाम के बिना, अल्लाह, वाहेगुरु, राम की याद के बिना और कोई तरीका नहीं है, जो इन्सान को बे-गम कर सके, इन्सान की परेशानियों को दूर कर सके और आने वाले पहाड़ जैसे कर्म को क...
नेक कार्यों में समय लगाओ
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि आजकल इन्सान के जीवन का उद्देश्य एक ही है, शारीरिक व पारिवारिक सुख हासिल करना, जिसको पाने के लिए सारा-सारा दिन झूठ, ठग्गी, कुफ्र, बेईमानी, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार का सहारा लेता ...
मन से लड़ने का एकमात्र उपाय राम-नाम का जाप
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में मालिक का नाम लेना बड़ा मुश्किल है। मन और मनमते लोग रोकते-टोकते हैं।
इन्सान प्रभु का नाम लेना भी चाहे तो मन तरह-तरह की परेशानी खड़ी कर देता है। आप सुमिरन करने...