जिंदगी मालिक की नियामत, इसको बर्बाद न करें
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान अपने किये कर्मों का फल जरूर भोगता है। कई बार ऐसा होता है कि इन्सान ने कोई बुरा कर्म अपनी जिंदगी में नहीं किया होता, फिर भी उसे दु:ख भोगना पड़ता है। इसकी वजह होती है इन्स...
सेवा-सुमिरन करने से कटते हैं ‘संचित कर्म’
असफलता का कारण संचित कर्म | Religious Congregation
सरसा। इंसान इस दुनिया में अपने कर्म-चक्कर में उलझा हुआ है। ऐसे भयानक कर्म होते हैं, इन्सान को उनका पता भी नहीं होता। चौरासी लाख जूनियों में जीवात्मा घूमते हुए आखिर में मनुष्य शरीर में आई है और जन्मो...
शाह मस्ताना जी महाराज ने बताया सुमिरन का नायाब तरीका: पूज्य गुरु जी
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (saint dr msg) फरमाते हैं कि सच्चे मुर्शिदे-कामिल, दाता, रहबर सार्इं मस्ताना जी महाराज, जिन्होंने सच्चा सौदा बनाया। सर्वधर्म संगम, जहां इन्सान एक ही जगह बैठकर अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, ओम, हर...
पावन अवतार दिवस की नामचर्चा आज
बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के अवतार दिवस को लेकर तैयारियां पूर्ण
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सच्चे दाता रहबर बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस को लेकर डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने सोमवार को सभी तैयारियां पूर्ण कर ली। मंगल...
जब आप गुरुमंत्र का जाप शुरू करते हैं तो आपके साथ ये होने लगता है…
सरसा। पूज्य गुरू संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं परमात्मा पल-पल की की खबर रखता है। वो हर जगह मौजूद रहता है। सच्चे सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने फरमाया कि वो अल्लाह, वाहेगुरू कण-कण में मौजूद है, कोई जगह उससे खाली नहीं है। हर पल, हर समय...
मुश्किल घड़ी से बाहर निकालता है, भगवान
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जब तक इन्सान मुर्शिदे-कामिल की शरण में नहीं आता, उसे यह मालूम नहीं होता कि सच्ची प्रीत किसकी है। इन्सान बहुत से यार, दोस्त, मित्र बनाता है, रिश्ते-नाते जोड़ता है, लेकिन जब कोई मुश्क...
परस्पर नि:स्वार्थ प्रेम से रहो
जिसके पास मालिक के प्यार-मोहब्बत की दौलत है वो दुनिया में सबसे खुशनसीब इन्सान हैं
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो लोग आपस में बेगर्ज, नि:स्वार्थ भावना से प्यार किया करते हैं, अल्लाह, वाहेगुरु,सतगुर...
कलियुग में इन्सान बनना बड़ी बात है
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान जब तक इन्सानियत से नहीं जुड़ता, तब तक परमपिता परमात्मा का रास्ता उसके अंत: करण से नहीं खिलता। अगर आप अपने अंदर उस रास्ते को महसूस करना चाहते हैं, परमपिता तक जाना चाहते ह...
किसी के कहने में ना आओ, सतगुरु पर रखो दृढ़ विश्वास: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अगर आप मालिक की तमाम खुशियां चाहते हैं, मालिक के नजारे लूटना चाहते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि लगातार सुमिरन करते रहें, वचनों पर पक्के रहें। यकीनन मालिक की दया मेहर रहमत के काबिल बन...
54वां पावन अवतार दिवस : खुद खुदा ‘‘सतगुरु’’ बन अनामी से आए
आए रूहानी रहबर
पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन ‘अवतार दिवस’ पर समस्त साध-संगत को सच कहूँ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई
‘‘मिट गया अंधेरा, ऐसी हुई रूशनाई। डॉ. एमएसजी के रूप में, रब्बी जोत आई। जो भी दर्शन पाए, खुशियों में नाचे...