पावन अवतार माह में मानवता की सेवा करें: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी धाम सरसा में आयोजित बुधवार को शाम की रूहानी मजलिस के दौरान फरमाया कि जैसा आपको पता है कि ये महीना शाह मस्ताना जी महाराज का पाक-पवित्र अवतार महीना है। साध-संगत इसे पूरी दुनिया में...
अनमोल वचन : सुमिरन को अपनी आदत बना लो: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि परमात्मा कण-कण में है। जिस इन्सान ने उसकी मौजूदगी का अहसास मान लिया और यह मान लिया कि वह हर जगह है, तो यकीनन उसे हर जगह एक न एक दिन मालिक नजर भी जरूर आने लगता है। इन्सान के लिए अपन...
अनमोल वचन : हर जगह फैला है मालिक का नूर
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि भगवान कण-कण में है, कोई जगह उससे खाली नहीं है तो उसकी बनाई नियामतें कैसे हर जगह नहीं होंगी और मनुष्य शरीर उस मालिक द्वारा बनाया गया सर्वोत्तम व सर्वश्रेष्ठ शरीर है। उस परमपिता परमा...
अनमोल वचन: नेक कार्यों में समय लगाओ
इन्सान दिन-रात मारो-मार करता फिरता है, जिस तरह चीटिंया बिल से निकलती हैं और दौड़ती-भागती रहती हैं, मधुमक्खियां भी छत्ता बनाती हैं, पर आखिर में उसे कोई और ही ले जाता है। उसी तरह इस कलियुग में इंसान बुरे-बुरे कर्म करता है, पापकर्मों से पैसा, धन-दौलत, जमीन-जायदाद बनाता है, लेकिन आखिर में नतीजा सब कुछ छोड़कर इस जहां से चला जाता है।
किसी के कहने से सेवा-सुमिरन ना छोड़ो: पूज्य गुरु जी
सरसा (सच कहूँ न्यूज़)। Saint Dr. MSG: सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक की याद में जो क्षण गुजरते हैं, वो क्षण इन्सान की पूरी जिंदगी बदल देते हैं। मालिक की याद में समय लगाना बड़ा मुश्किल है, लेकिन ज...
अनमोल वचन : मन की ना सुनो: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक, सतगुरु, परमात्मा जिस पर दया-मेहर करता है और वह संभालने वाला उसे संभाल लेता है तो उसके मुकाबले में दुनिया में कोई भी इन्सान सुखी नहीं होता। मालिक अपनी दया-मेहर, रहमत बरसाता ह...
Source of inspiration: सच्चे सतगुुरु जी ने छुड़वाया श्रद्धालु का नशा, दिया स्वस्थ जीवन!
Source of inspiration: जीवोद्धार यात्रा के दौरान पूजनीय बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज श्री गंगानगर में पधारे हुए थे। किसी सेवा संस्था का मुखिया मेहर चंद नामक एक व्यक्ति आप जी के पास आया और सत्संग के दौरान आप जी से प्रेमपूर्वक सेवा मंजूर करवा ल...
मालिक को पाने के लिए आत्मविश्वास जगाना जरूरी
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सत्संग एक ऐसी जगह होती है, जहां ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम की चर्चा होती हो, जहां पे इन्सान आकर बैठे तो उसे अपने मालिक, परमपिता, परमात्मा की याद आए, खुद में क्या गुण...
मनुष्य जन्म में ही आवागमन से मुक्ति संभव
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सभी धर्मों में लिखा है कि मनुष्य शरीर सबसे श्रेष्ठ शरीर है और जीवात्मा को यह शरीर 84 लाख जूनियों के बाद सबसे अंत में प्राप्त होता है। मनुष्य शरीर ही एकमात्र ऐसा जरिया है जिसमे...
भयानक पाप-कर्मों से बचाता है सत्संग
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो जीव ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, मालिक की याद में आकर बैठते हैं, तथा उस परमपिता परमात्मा की चर्चा करते हैं, वो बहुत भाग्यशाली होते हैं या भाग्यशाली बन जाया करते हैं। आप जी फरमाते ह...