रूहानी स्थापना दिवस पर सुनिये गुरु जी का यह संदेश
सरसा। 75 वर्ष पहले आज के ऐतिहासिक व सौभाग्यशाली दिन को रूहानियत व इन्सानियत के महान केन्द्र डेरा सच्चा सौदा का शुुभांरभ हुआ। करोड़ों की संख्या में साध-संगत 29 अप्रैल के इस ऐतिहासिक दिवस को भंड़ारे के रूप में मना रही है। शाह सतनाम जी धाम में आज पावन भंड...
सतगुरू जी ने एक माह पहले संस्कारी रूह को दर्शाया उसका अंत समय…
बहन दर्शना रानी इन्सां पत्नी सचखंडवासी मास्टर हंसराज , गांव माहूआणा बोदला, तह. व जिला फाजिल्का (पंजाब) सतगुरू जी की अपने ऊपर हुई अपार रहमत का वर्णन इस प्रकार बयान करती है।
ऐ मालिक! हमारे परिवार पर ऐसी दया-रहमत करना कि हम भी अपने आखिरी स्...
सुमिरन, सेवा और दृढ़ यकीन रूहानियत के गहने
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इंसान जब उस परमपिता परमात्मा, सतगुरु, मौला के प्यार में, उसकी मोहब्बत में खो जाता है तो दुनिया उसके लिए कोई मायने नहीं रखती। इतना मस्त हो जाता है, बेफिक्र हो जाता है, बे-गम हो जाता...
प्रभु-प्रेम में सच्ची खुशियां
पूज्य हजूर पिता संंंंत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंंंह जी इन्सां फरमाते हैं कि ज्यादातर दुनियावी मोहब्बत की नींव स्वार्थ पर टिकी हुई है। जब तक स्वार्थ-सिद्धि होती है, मतलब हल होता है तो आपस में प्यार है और जैसे ही स्वार्थ-सिद्धि बंद होती है तो वो प्यार जो...
सिर्फ सुमिरन से काबू होता है मन: पूज्य गुरु जी
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में मालिक के नाम का जाप करना बहुत ही मुश्किल बात है। इन्सान दुनियादारी में अन्य काम-धंधे बड़े खुश होकर कर लेते हैं लेकिन सतगुरु, मौला का नाम जपना, उसकी भक्ति-इबादत में ...
अनमोल वचन : बार-बार गलती करना शैतानियत : पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि बार-बार गलती करना शैतानियत का काम है, पशुपन है। आप से कोई भूल हो गई, गलत सोच दिमाग में आ जाए तो सुमिरन करो भक्ति करो, वचनों में अगर पहली बार गलती हुई है तो साध-संगत के सामने बेझिझक...
परमात्मा से मिलाता है राम-नाम : पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि पीरो, मुर्शिदे-कामिल का रहमो-करम एक ऐसे नशे, मस्ती के रूप में छाया हुआ है कि जीवात्माओं के पांव धरती पर नहीं लग रहे हैं। इस संसार में लोग पता नहीं क्या भावना लेकर आते हैं। कई ...
सतगुरु-मालिक के प्रेम में छुपी है सारी खुशियां
ऐसा प्यार जिसमें कोई गर्ज नहीं। गर्जी (स्वार्थी) प्यार हमेशा कच्चा होता हैै
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि प्रेम के अक्षर अढ़ाई हैं, लेकिन अल्लाह, वाहेगुरु, राम ने सारी बहारें, सारी खुशियां इन अढ़ाई अक्षरों...
online Gurukul : नशा बेचने वालों को पूज्य गुरु जी ने क्या कहा, पढ़िये
इंसानियत की सच्ची सेवा करना सिखाते हैं डेरा सच्चा सौदा के 143 मानवता कार्य
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को
(online Gurukul dr.msg )आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया कि समाज में नशों के ठेके ख...
साईं जी ने मीठे वचनों से आलोचना करने वालों को भगत बनाया!
डेरा सच्चा सौदा सतलोक पुर धाम नेजिया खेड़ा आश्रम सरसा से चौपटा सड़क पर स्थित है। जो इस गांव की शान है। एक बार की बात है। उन दिनों सरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम का मुख्य दरवाजा पूर्व दिशा की ओर से जाती पुरानी सड़क पर था। एक दिन पूजनीय बेपरवाह सांई शाह...