राम-नाम के जाप से ही सफल होगा मनुष्य जीवन : पूज्य गुरु जी
शाह सतनाम जी धाम (सरसा), शाह सतनाम जी आश्रम, बरनावा और सलाबतपुरा डेरे में हुई नामचर्चाएं (Happy Incarnation Month)
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां को साध-संगत ने पावन अवतार माह की पवित्र नारे के रूप में दी बधाई
पावन ...
मालिक का नाम सुखों की खान: डॉ. एमएसजी
लाखों की तादाद में पहुंची साध-संगत | Gods Word
सरसा (आनंद भार्गव)। मालिक का नाम सुखों की खान है, (Gods Word) लेकिन वो खान ढूंढना बहुत जरूरी है। कहीं भी पता चल जाए कि इस दुनियां में सोने, चांदी, हीरे जवाहरात की खान है तो लोग दिन रात उन्हें ढूंढने में...
‘संत-महापुरुषों के बिना नहीं कटती चौरासी’
सच्चा सौदा सुख दा राह, सब बंधनां तों पा छुटकारा मिलदा सुख दा साह...
संतों के फरमाए हुए वचन जीवन के हर मोड़ पर काम आते हैं। संतों के प्यारे और मीठे संदेश रूपी वचनों को इस श्रृंखला में आप पढ़ रहे हैं।
...जब सार्इं जी का दीवाना हो गया दुकानदार | Sacha S...
‘‘बेटा, तुम्हारी फोटो तो आगे सचखंड पहुंंच गई है’’
सन् 1989 की बात है। पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने सेवादारों को पानी वाली डिग्गी में पानी निकालकर वृक्षों को देने का वचन फरमाया। उस समय कल्याणनगर और सरसा शहर की कुछ बहनें भी सेवा करने लग गई शाम की मजलिस के बाद शहनशाह जी सेवा कर रही माता-बहनों...
अनमोल वचन : संत, पीर-फकीर के वचनों पर अमल करना सीखो: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का प्रेम जिन जीवों के हिस्से में आता है, वो लोग बहुत भाग्यशाली होते हैं और प्रेम की यह दौलत भगवान की भक्ति के द्वारा ही संभव है। जो लोग मालिक की भक्ति और सृष्टि से नि:स्वार्थ...
सुमिरन से कटते हैं जन्मों-जन्मों के कर्म
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अगर इन्सान सेवा के साथ-साथ मालिक के नाम का सुमिरन करता है तो उसके जन्मों-जन्मों के पाप-कर्म कट जाया करते हंै। लेकिन वे जीव बहुत भाग्यशाली होते हैं जो तन-मन-धन से मालिक की बताई राह ...
मालिक सच्ची भावना को सुनते हैं: पूज्य गुरु जी
सरसा। सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि परमात्मा को जो सच्ची भावना, सच्चे हृदय से याद करता है, वो मालिक उनकी पुकार सुनते हैं। आज के दौर में इन्सान अपने-आपमें इतना खो गया है कि उसके पास अपने अलावा दूसरों...
सत्संग में पैदा होती है प्रभु-भक्ति की भावना
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि नाम सब सुखों की खान है जिस इन्सान को परमात्मा का पाक-पवित्र नाम मिल जाता है वह भाग्यशाली है एवं बाद में आगे जो इसका सुमिरन करता है वह अति भाग्यशाली बन जाता है। दोनों जहान की...
प्रभु के सुमिरन से मिलती है, बुराइयों पर जीत
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि संत, पीर-फकीर एक ही संदेश देते हैं कि प्रभु, परमात्मा की भक्ति-इबादत करो। हर समय एक ही चर्चा फकीर करते हैं कि अच्छे-नेक कर्म करो, सुमिरन करो। सुमिरन करने से इन्सान अपने अंदर की बुर...
‘कलियुग में राम का नाम संजीवनी’
रूहानी सत्संग : पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी
इन्सां ने समझाया जीवन का असल मकसद
सरसा। इस घोर कलियुग में राम का नाम मृत संजीवनी के समान है। जो इन्सान भगवान के नाम का जाप करते हुए उन्हें अंदर बाहर से नूरी स्वरूप के दर्शन होते हैं व सभी र...