‘यहां सैंकड़े गुरू बनना चाहते हैं’ बेपरवाह जी ने ऐसे निकाला एक डेरा प्रेमी का वहम!
सरसा (सच कहूँ डेस्क)। बेप...
सेवा-सुमिरन को गहना बना लो
जो लोग सेवा-सुमिरन को गहने बना लेते हैं, अमल करते हैं, मालिक उन पर अपनी दया-मेहर जरूर करता है। इस घोर कलियुग में सेवा करना बड़ा ही मुश्किल है। कोई भागों वाले जीव होते हैं जो सेवा करते हैं। सेवा के साथ-साथ सुमिरन, भक्ति-इबादत की जाए तो किसी भी चीज की कमी नहीं रहती।