मालिक के नाम में छुपी हैं तमाम बरकतें: पूज्य गुरु जी
इन्सान बुरे कर्म करता हुआ आगे बढ़ता है और बुरे कर्म करता चला जाता है।
लोग ठग्गी मारते हैं, बेइमानी करते हैं, दूसरों का हक मारकर खाते हैं, चोरी, निंदा-चुगली करते हैं, इस बुराई के युग में ये सब चलता है
पावन अवतार दिवस की नामचर्चा आज
बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के अवतार दिवस को लेकर तैयारियां पूर्ण
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। सच्चे दाता रहबर बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन अवतार दिवस को लेकर डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत ने सोमवार को सभी तैयारियां पूर्ण कर ली। मंगल...
शाह मस्ताना जी दातार आज लिया अवतार
इतिहास गवाह है कि जब-जब धरती पर बुराईयों ने जन्म लिया और लोगों में मानवता दम तोड़ने लगी, तब-तब भगवान स्वयं संत, पीर, फकीर के रूप में मानवता को सही मार्ग दिखाने के लिए अवतार लेते रहे हंै। और ऐसी ही एक आलौकिक ज्योत संवत विक्रमी 1948 यानि सन् 1891 में का...
मालिक का शुक्राना करना कभी ना भूलो
सरसा (सकब)।
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि परमपिता परमात्मा हर कण, हर जर्रे में मौजूद है, वो सब देख रहा है। अगर आप सच्चे दिल से, सच्ची भावना से उसकी भक्ति करो, उसकी औलाद की सेवा करो, तो मालिक पहाड़ जैसे कर्मों को भी क...
परमात्मा का प्रेम है अनमोल
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का प्रेम अनमोल है। भाग्यशाली जीव, अच्छे संस्कारों वाले, खुदमुखत्यारी का फायदा उठाने वाले उस परम पिता परमात्मा के प्यार को हासिल कर पाते हैं। इस घोर कलियुग में किसको इतनी फुर्सत है ...
कर्मों की मार से बचने के लिए प्रभु नाम एक संजीवनी
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि उस परमपिता परमात्मा, उस रब्बी शक्ति को, जीव जितनी श्रद्धा, जितनी भावना से याद करता है, उतनी ही जल्दी जीव के गम, दुख-दर्द, चिताएं मिट जाया करती हैं और वह जीवात्मा, परमपिता परमात्मा के दर्...
मालिक के नाम का नशा करो
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक के नाम का ऐसा नशा है जो इन्सान को दोनों जहान की खुशियों से लबरेज कर देता है और इस नशे के आने से इन्सान के तमाम गम, दु:ख-दर्द, परेशानियां दूर हो जाती हैं। मालिक के नाम का नशा कोई भा...
खुशियों का खजाना है सेवा-सुमिरन : पूज्य गुरु जी
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सेवा और सुमिरन इन्सान को वह तमाम खुशियां दिला देते हैं, जिसकी इन्सान ने कभी कल्पना भी नहीं की होती। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि अकसर यह कहा जाता है कि जो भाग्य में है वो मिलता है, ज...
सेवा-सुमिरन ही इन्सान के सच्चे रिश्तेदार हैं
सरसा (सकब)।
पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस संसार का सबसे बड़ा काम, जो अन्य किसी जून के लिए संभव नहीं है, उसे सिर्फ इन्सान ही कर सकता है, उस काम को इन्सान भुलाए बैठा है। आदमी को अगर कहीं थोड़ा सा सफर करना हो तो ...
कभी तेरे चरणन न छोड़ेंगे…
कभी तेरा दामन ना छोड़ेंगे हम। चाहे यह मन करे लाखों सितम्।
1. मुहब्बत के शोलोें में जलता रहूंगा।
तेरा नाम लेकर मैं चलता रहूंगा।
ठोकर भी खाकर संभलता रहूंगा।
पड़े हैं मुहब्बत के हम पे कर्म।
कभी तेरे चरणन...
2. देंगी सहारा जो तेरी निगाहें।
तो आसान ह...