नेकी-भलाई के रास्ते पर दृढ़ता से चलें
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान जब तक इन्सानियत पर नहीं चलता, तो इन्सान को जो परमपिता परमात्मा ने वचन किये हैं, तोहफे बख्शे हैं वो नहीं मिलते। इन्सानियत का तकाजा कि आप रहम करें, दया करें, किसी का बुरा ...
…ताकि हर कोई देखे कुदरत के रंग
मिशन उजियारा। शाह सतनाम जी स्पेशलिटी अस्पताल में नेत्र रोगियों के आॅप्रेशन का सिलसिला जारी
417 आॅप्रेशन हुए दो दिन में 609 मरीजों को किया गया है चयनित
देशभर के स्पेशलिस्ट व सुपर स्पेशलिस्ट नेत्र रोग विशेषज्ञ दे रहे सेवाएं
Sirsa, SachKaho...
मालिक को पाने के लिए आत्मविश्वास जगाना जरूरी
Sirsa: पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सत्संग एक ऐसी जगह होती है, जहां ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम की चर्चा होती हो, जहां पे इन्सान आकर बैठे तो उसे अपने मालिक, परमपिता, परमात्मा की याद आए, खुद में क्या गुण हैं,...
अनमोल वचन : मन को सीधा करना ही असल गैरत: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि एक इंसान जब भी राम-नाम छोड़ देता है तो उसके अंदर की भावना बुरी तरह से मर जाती है। इंसानियत को भूला हुआ इंसान शैतान बन जाता है। वह अपने दिमाग के तंग दायरे में इस तरह कैद हो जाता है क...
परमात्मा से मिलाता है राम-नाम : पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि पीरो, मुर्शिदे-कामिल का रहमो-करम एक ऐसे नशे, मस्ती के रूप में छाया हुआ है कि जीवात्माओं के पांव धरती पर नहीं लग रहे हैं। इस संसार में लोग पता नहीं क्या भावना लेकर आते हैं। कई ...
बरनावा में किए वचन हुए पूरे, संगत के लिए खुशी की खबर। Saint Dr Gurmeet Ram Rahim Singh Ji Insan
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉॅ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जब 40 दिन की रूहानी यात्रा पर पधारे थे। उस समय साध-संगत की फरियाद पर पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि अब हर महीने पावन भंडारा मनाया करेंगे। पूज्य गुरु जी ने 29 अप्रैल को 15वीं चिट्ठी आई जिसमें पूज्य ...
हमेशा मेहनत की कमाई करके खाओ
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान इस संसार में सदा खुश रहना चाहता है, कोई भी इन्सान ऐसा नहीं होता, जो गमगीन रहना चाहे, दु:खी रहना चाहे, परेशान रहना चाहे। लेकिन सुख को पाने के लिए लोगों ने बहुत सारे रास्ते अप...
राम-नाम के बिना जीवन व्यर्थ
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक के नाम के बिना जीवन व्यर्थ है। मालिक के नाम से ही जीवन की कद्र-कीमत पड़ती है और आत्मा आवागमन से आजाद होती है। मनुष्य जन्म सदियों के बाद, युगों के बाद आत्मा को मिलता है। इस मनु...
सोने पे सुहागा है सेवा के साथ सुमिरन: पूज्य गुरू जी | sach kahoon samachar dera sacha sauda
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (sach kahoon samachar dera sacha sauda) फरमाते हैं इस घोर कलियुग में मालिक के प्यार-मोहब्बत में चलना बड़ा मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है। मुश्किल इसलिए है, क्योंकि काम-वासना, क्रोध, लोभ, म...
साईं जी ने दी राम-नाम की संजीवनी: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो इन्सान इस दुनिया से चले गए आप उनको कितना याद करते हैं? यह याद सिर्फ सपना सा बनकर रह जाती है। जो हर समय दिलो-दिमाग में छाया रहता है, ऐसा तो सिर्फ वो सच्चा मुर्शिदे-कामिल होता है।...