सुमिरन, सेवा व परमार्थ से मिलती हैं खुशियां
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में इन्सान अपने आप में मस्त रहता है। फिर अपने ही किये कर्मों से दु:खी होने लगता है और दोष किसी न किसी को देता रहता है। अगर जन्मों-जन्मों से आत्मा के साथ जुडे कर्...
हमेशा मेहनत की कमाई करके खाओ
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान इस संसार में सदा खुश रहना चाहता है, कोई भी इन्सान ऐसा नहीं होता, जो गमगीन रहना चाहे, दु:खी रहना चाहे, परेशान रहना चाहे। लेकिन सुख को पाने के लिए लोगों ने बहुत सारे रास्ते अप...
अहंकार को हमेशा मार पड़ती है: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सतगुरु, मुर्शिद-ए-कामिल वो संदेश देते हैं, जो जीवोंके दोनों जहानों के काज सवार दे। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि इस धरती पर जब तक इन्सान रहे, तब तक मालिक की दया-मेहर, रहमत बरसे,...
खुदमुखत्यारी से नेक कर्म बनाओ
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि आज के दौर में इन्सान के अंदर से इन्सानियत लुप्त प्राय: हो गई है। इन्सान काम-वासना, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, मन-माया का गुलाम बन गया है, विषय-विकारों के अलावा दिमाग में कोई और ...
निंदकों से बचकर रहो
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान को सुमिरन के लिए टाईम-पीरियड फिक्स करना चाहिए। आम तौर पर लोग बड़ी जल्दबाजी करते हैं कि पांच-सात दिन सुमिरन करुंगा और मुझे ये मिल जाए, वो मिल जाए। जबकि आप यह सोचें कि मैं...
परमात्मा से मिलाता है राम-नाम : पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि पीरो, मुर्शिदे-कामिल का रहमो-करम एक ऐसे नशे, मस्ती के रूप में छाया हुआ है कि जीवात्माओं के पांव धरती पर नहीं लग रहे हैं। इस संसार में लोग पता नहीं क्या भावना लेकर आते हैं। कई ...
अनमोल वचन: सच्चे दिल से परमात्मा को आवाज लगाएं वो जरूर सुनता है
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु, खुदा, रब्ब का नाम जब इन्सान पुकारता है, तो वह आवाज उस खुदा तक लाजमी पहुंचती है। अगर कोई आपका नाम ले तो आपको सुनेगा और आप बात करेंगे। इसी तरह जब भगवान ...
मनुष्य जन्म का लाभ उठाएं: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मनुष्य जन्म सर्वोत्तम जन्म है। इसमें जीवात्मा परमानन्द की हकदार होती है और क्षणिक या पलभर नहीं, बल्कि स्थायी परमानन्द प्राप्त कर सकती है। यदि इन्सान अपने मनुष्य जन्म को उस आनन...
अनमोल वचन: सेवा-सुमिरन के पक्के रहिए, तमाम खुशियों के हकदार बनते जाओगे
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान उस परमपिता परमात्मा का जितना शुक्राना करे उतना कम है। अपनी जड़ों को कभी न भूलो। जो यह याद रखता है कि वो तो कुछ भी नहीं था, लेकिन परमपिता परमात्मा ने उसे क्या से क्या बना...
बुरे विचारों से कमजोर हो जाती है सोचने की शक्ति : पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि राम का नाम जपने से आत्मा बलवान होती है और मन दबता चला जाता है। अगर आप सुमिरन करने का नियम नहीं रखते, सुबह-शाम मालिक को नियमानुसार याद नहीं करते तो आपके मन के विचार आप पर हमेशा हावी...