सुमिरन प्रेम मुकाबला। सरसा ब्लॉक रहा प्रथम, 71 लाख से अधिक घंटे किया सुमिरन
761 ब्लॉकों के 9,14,609 सेवादारों ने 9,99,77,817 घंटे किया सुमिरन
दूसरे स्थान पर कल्याण नगर व तीसरे स्थान पर रहा पंजाब का पटियाला
टॉप-10 में हरियाणा के 7 तो पंजाब के 3 बलॉक ने बनाई जगह
विदेशों में 919 सेवादारों ने 41,695 घंटे किया रामनाम ...
सत्संग में पैदा होती है प्रभु-भक्ति की भावना
अगर आप मालिक का नाम जपना चाहते हैं तो आप सत्संग सुनें। तभी आपको प्रेरणा मिलेगी, आपके अंदर मालिक के नाम के प्रति लगन लगेगी।
अनमोल वचन : निंदा करने वालों से सदा बचकर रहो
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान को सुमिरन के लिए टाईम-पीरियड फिक्स करना चाहिए। आमतौर पर लोग बड़ी जल्दबाजी करते हैं कि पांच-सात दिन सुमिरन करुंगा और मुझे ये मिल जाए, वो मिल जाए। जबकि आप यह सोचें कि मैं...
अनमोल वचन : सुमिरन, सेवा व परमार्थ से मिलती हैं खुशियां
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इस घोर कलियुग में इन्सान अपने आप में मस्त रहता है। फिर अपने ही किये कर्मों से दु:खी होने लगता है और दोष किसी न किसी को देता रहता है। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि अगर जन्मों-जन...
अनमोल वचन : राम-नाम से अंत:करण होता है साफ : पूज्य गुरु जी
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक के नाम के बिना इन्सान का अंत:करण साफ नहीं होता और जब तक दिल का शीशा साफ नहीं होता तब तक मुसलाधार बरसती मालिक की दया-मेहर भी नजर नहीं आती। अपने दिलो-दिमाग को बुराइयों से...
नफरत छोड़ सबसे नि:स्वार्थ प्रेम करो : पूज्य गुरु जी
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान अगर मालिक का नाम जपे और उसकी बनाई सृष्टि से बेगर्ज, नि:स्वार्थ भावना से प्रेम करे तो वह दोनों जहान की खुशियों का हकदार बन सकता है। इन्सान को इस घोर कलियुग में मालिक का...
सुमिरन से जो कर्मों में नहीं होता वो भी मालिक बख्शते हैं
सरसा (सकब)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि परमपिता परमात्मा कण-कण, जर्रे-जर्रे में मौजूद है। सच्चे दिल से, सच्ची भावना से जो उसे याद करते हैं, वो मालिक, वो दाता, वो रहबर, इन्सान का हर काज संवार देते हैं।
पूज्य गुरु ज...
अपने फर्ज का निर्वाह करो, मगर अति नहीं होनी चाहिए
जिस रिश्ते के लिए जुड़े हैं, बहन-भाई का रिश्ता, पति-पत्नी का, मां-बेटे का रिश्ता इन रिश्तों के लिए जो भी आपके फर्ज हैं, कर्त्तव्य है उस प्यार का निर्वाह करो, लेकिन अति नहीं होनी चाहिए। अति अगर करना चाहते हो तो भगवान, सतगुरु के प्यार में करो।
बुरे विचारों से कमजोर होती है सोचने की शक्ति
बुरे विचारों से इन्सान के शरीर पर हर तरह का असर होता है। शारीरिक शक्ति का नाश होता है, दिमाग के सोचने की शक्ति कम हो जाती है और बुरे विचारों का ताना-बाना बुनते रहने से इन्सान का आत्मबल कम होता चला जाता है।
सेवा-सुमिरन से खत्म होंगी परेशानियां
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का नाम सुखों की खान है। जो इन्सान दुखी है, परेशान है, गमगीन है, कहीं भी रास्ता नजर नहीं आ रहा तो वह भगवान, अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड का नाम ले। उसकी भक्ति इबादत करे तो रास्त...