जो गुरु पर संदेह करते हैं ऐसे चपटों के लिए यह खास वचन
चंडीगढ़ (एमके शायना)। संतों की महिमा इस जगत में अपार होती है, जिसका कोंई अंत नहीं है। गुरु बिना ज्ञान की प्राप्ति नही होती और मनुष्य विचलित मन से इधर-उधर भटकता रहता है। गुरु ही हमें ज्ञान देते है और उसी से हमारे जीवन में प्रकाश उजागर होता है। हमारे जी...
सुख आए, तो खुश रहो, दु:ख आए, तो हाय-तौबा मत करो : पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरू जी फरमाते हैं कि भगवान के रास्ते पर ओवर स्मार्ट कभी न बनो। दुनियावी तौर पर तो आप बनते ही रहते हो, किसी को क्या टोकना! ओवरस्मार्ट का मतलब है कि अपने-आपको बहुत होशियार समझना और सामने वाले को बेइंतहा मूर्ख। यह गलत बात है। ऐसा नहीं होना चाहिए।...
अपने कर्तव्यों को सही निर्वाह करो
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने साध- संगत को रूहानी वचनों से निहाल करते हुए फरमाया कि इसांन इस दुनिया में मालिक का नाम लेने के लिए आया। इसका मतलब ये नहीं कि उसका कोई कर्तव्य नहीं। इस संसार में आकर इन्सान को अलग-अलग रिश्तों ...
हम सब एक हैं और हमारा मालिक एक है : पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि भगवान, अल्लाह, राम, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब, अरबों नाम हैं उसके, पर वह शक्ति एक थी, एक है और एक ही रहेगी। क्या आपने सुना है लोग पानी के नाम पर कभी झगड़ा करते हों? पानी के जल, नीर, वाटर,...
कभी भी किसी का बुरा न सोचा करो, सबका भला मांगा करो: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान को जब परमपिता परमात्मा निगाह दे देता है, तो उसे वो नजारे मिलते हैं, वो लज्जत मिलती है, जिसकी कभी कल्पना नहीं की होती। वो खुशियां मिलती हैं, जिनका लिख-बोल कर वर्णन नहीं किया...
कर्म बुरे न करो, उनका फल जब भोगना पड़ता है तब छुटकारा नहीं होगा: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां (Pujya Guruji) फरमाते हैं कि इन्सान जब तक इन्सानियत पर नहीं चलता, तो इन्सान को जो परमपिता परमात्मा ने वचन किये हैं, तोहफे बख्शे हैं वो नहीं मिलते। इन्सानियत का तकाजा कि आप रहम करें, दया करे...
हमेशा मेहनत की कमाई करके खाओ
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान इस संसार में सदा खुश रहना चाहता है, कोई भी इन्सान ऐसा नहीं होता, जो गमगीन रहना चाहे, दु:खी रहना चाहे, परेशान रहना चाहे। लेकिन सुख को पाने के लिए लोगों ने बहुत सारे रास्ते अप...
मनमते लोगों का संग कभी न करें
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक से प्यार लगाना आसान है लेकिन ओड़ निभाना बड़ा मुश्किल है। प्रत्येक इन्सान मालिक से प्यार करने के लिए कह तो देता है लेकिन जब आखिर तक ओड़ निभानी होती है तो मन और मनमते लोगों का टोल...
यह नहीं हो सकता कि आपमें कोई कमी न हो: पूज्य गुरू जी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान उस परमपिता परमात्मा का जितना शुक्राना करे उतना कम है। अपनी जड़ों को कभी न भूलो। जो यह याद रखता है कि वो तो कुछ भी नहीं था, लेकिन परमपिता परमात्मा ने उसे क्या से क्या बना...
सेवा-सुमिरन से मिलती हैं तमाम खुशियां
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान उस परमपिता परमात्मा का जितना शुक्राना करे उतना कम है। अपनी जड़ों को कभी न भूलो। जो यह याद रखता है कि वो तो कुछ भी नहीं था, लेकिन परमपिता परमात्मा ने उसे क्या से क्या बना...