रूहानियत: जब बेपरवाह साईं जी का पावन भंडारा मनाने पंजाब पहुंचे पूजनीय परम पिता जी
‘गांव का नाम चुघ्घां, नाम लेकर कर दो उघ्घा, फिर बनेगा उघ्घा, फिर हो जाएगा चुघ्घा’
सच कहूँ/मनजीत नरूआणा
चुघ्घे कलां/बठिंडा। कहते हैं जिस धरती पर पूर्ण मुर्शिद के पावन चरण कमल पड़ जाएं, वह धरती भागों वाली हो जाती है। गांव और ब्लॉक चुघ्घे कलां जिला बठि...
मालिक से मालिक को मांगते रहें
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि गुरुमंत्र, नाम, कलमा, मैथड आॅफ मेडीटेशन एक ही रास्ते के अलग-अलग नाम हैं। जो इंसान इस रास्ते पे चलता है, गुरुमंत्र का जाप करता है, यकीनन भयानक से भयानक कर्म उसके पल में कट जाया...
मेमनों के बहाने पोते बख्शे
गुरू सत ब्रह्मचारी सेवादार मक्खन सिंह ने बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के एक अलौकिक करिश्मे का वर्णन करते हुए बताया कि हम तीन भाई थे। मैं और खिल्लन सिंह (भाई) तो ज्यादा समय डेरा सच्चा सौदा में ही बिताते व सेवा करते थे। छोटा भाई मल्ल सिंह घर का क...
Saint Dr. MSG on Instagram : आपका वो है जो सारी दुनिया का मालिक है : पूज्य गुरु जी
बुरे समय से नहीं घबराइये , अच्छा समय भी आपके इंतजार में
बरनावा (सोनू)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इंस्टाग्राम पर वीडियो के माध्यम से आमजन व युवा पीढ़ी को संदेश दिया। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि समय कभी एक जैसा नहीं रहता। कर्...
सच्चे सतगुरु जी की रहमत शिष्य का पक्का किया दृढ़ विश्वास
पूजनीय परम पिता जी ने फरमाया, ‘‘बेटा , जिसको मालिक पर विश्वास है, मालिक उसका जिम्मेवार है तथा उसके सारे काम स्वयं ही करता है। जो मालिक का हो जाता है, मालिक भी उसका हो जाता है।’’
एक दिन मैं अर्द्धजागृत अवस्था में सोया हुआ था। अचानक मुझे पूजनीय परम पि...
हमने तुम्हारे यहां एक और लड़का भेज दिया है
पूज्य हजूर पिता जी की बख्शिश
प्रेमी रामफल इन्सां सुपुत्र श्री भरत सिंह एसडीओ पीडब्लयूडी आईबी (हरियाणा) मकान नं. 561 सैक्टर 7 कुरुक्षेत्र। प्रेमी जी अपने सतगुरु मुर्शिदे कामिल पूजनीय हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के अपार रहमो-कर्म ...
‘गुरू’ मीठा, प्यारा, सुखदायक और दिल में ठंडक बरसाने वाला, परम पूजनीय शब्द है
सतगुरू के प्यारे-प्रेमियों के लिए ‘गुरू’ शब्द ही अति प्यारा और मन को भाता है। अपने गुरू के प्यार में रंगे हुए किसी गुरू-भक्त का बयान है- ‘‘ऐ मेरे दिल! मैं ऐसी किस आवाज (शब्द) को सुन रहा हूं, जिस कारण मेरा दिल दरिया में प्रेम की तरंगे हिलोरें ले रही ह...
पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पवित्र ईलाही वचन
हर एक फकीर अपने मुुर्शिद के नाम पर मस्त हुआ है। उसी के प्यार में ही मालिक तक पहुंचा है और उसी का धन्यवाद करता है। मालिक प्रेम है और उसके मिलने का रास्ता भी प्रेम ही है, जिसने पाया है मुर्शिद में जज्ब होकर ही पाया है। दो बातें याद रखना। एक दिन जरूर मर...
यहां भी तू वहां भी तू जिधर भी देखूं बस तू ही तू…
पूज्य हजूर पिता जी मुस्कुराकर फरमाने लगे, ‘‘कोई बात नहीं पिता जी, आपका जन्म दिन भी आएगा। हम धूमधाम से मनाएंगे और साध-संगत को खूब नचाएंगे।’’
एक दिन पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज अपनी लम्बी प्यारी सोटी लेकर तेरावास से बाहर आए तो मौज में आकर फरमा...
सतगुरू जी ने एक माह पहले संस्कारी रूह को दर्शाया उसका अंत समय…
बहन दर्शना रानी इन्सां पत्नी सचखंडवासी मास्टर हंसराज , गांव माहूआणा बोदला, तह. व जिला फाजिल्का (पंजाब) सतगुरू जी की अपने ऊपर हुई अपार रहमत का वर्णन इस प्रकार बयान करती है।
ऐ मालिक! हमारे परिवार पर ऐसी दया-रहमत करना कि हम भी अपने आखिरी स्...