इलाही वचन: इस सच्चा सौदा में जो आवे, कभी खाली ना जावे
सरसा। परम पूजनीय शहनशाह मस्ताना जी महाराज फरमाते हैं, ‘‘हर एक फकीर को रूहानी दौलत किसी परम संत कामिल फकीर से मिली है और उसने उसी उस्ताद का शुक्रिया अदा किया है।’’
साईं बुल्लेशाह जी भी फरमाते हैं : शाह इनाइत भेद बताया ता खुले सब इसरार ।
'इसी तरह हमे...
online Gurukul : नशा बेचने वालों को पूज्य गुरु जी ने क्या कहा, पढ़िये
इंसानियत की सच्ची सेवा करना सिखाते हैं डेरा सच्चा सौदा के 143 मानवता कार्य
बरनावा (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार को
(online Gurukul dr.msg )आनलाइन गुरुकुल के माध्यम से फरमाया कि समाज में नशों के ठेके ख...
अनमोल वचन : राम-नाम से खत्म होती है बुरी सोच
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का नाम सुखों की खान है लेकिन भागों वाले जीव ही सुमिरन करते हैं। इस घोर कलियुग में लोग अन्य काम-धन्धों में मस्त हैं लेकिन मालिक की भक्ति-इबादत कोई भागों वाला ही कर पाता है या ...
प्रभु के सुमिरन से मिलती है, बुराइयों पर जीत
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि संत, पीर-फकीर एक ही संदेश देते हैं कि प्रभु, परमात्मा की भक्ति-इबादत करो। हर समय एक ही चर्चा फकीर करते हैं कि अच्छे-नेक कर्म करो, सुमिरन करो। सुमिरन करने से इन्सान अपने अंदर की बुर...
जिंदगी मालिक की नियामत, इसको बर्बाद न करें
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान अपने किये कर्मों का फल जरूर भोगता है। कई बार ऐसा होता है कि इन्सान ने कोई बुरा कर्म अपनी जिंदगी में नहीं किया होता, फिर भी उसे दु:ख भोगना पड़ता है। इसकी वजह होती है इन्सान के...
सबका भला मांगते हैं संत: पूज्य गुरू जी
भक्ति करने के लिए हर समय बेशकीमती
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि संसार में आदमी अपने हिसाब से अच्छे कामों, सुख-शांति के लिए समय लगाता है। कोई भी यह सोचकर समय नहीं लगाता कि आने वाले समय में वह दुखी, परेशान होगा।...
…जब पूज्य गुरु जी ने सेवादार के भ्रम को किया दूर
रूहानी करिश्मा: Spiritual
प्रेमी अजैब सिंह इन्सां पुत्र अर्जुन सिंह इन्सां गांव खडियाल ब्लॉक दिड़बा, जिला संगरूर (पंजाब)। प्यारे सतगुरू पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की अपार रहमत का उपरोक्त करिश्मा लिखित में इस प्रकार बताते हैं ...
बेइंतहा खुशियां देने वाला है मालिक का प्यार
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सतगुरू, मौला के प्यार, मुहब्बत में चलना कोई आसान कार्य नहीं पर असंभव भी नहीं है। इन्सान जब सतगुरू, मालिक के लिए अपना जीवन कुर्बान करता है, सारी दुनिया का त्याग करता है तो उसके दिलो...
सुमिरन से कटते हैं संचित कर्म
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान सच्चे दिल से सुमिरन, भक्ति-इबादत करे तो उसके जन्मों-जन्मों के संचित पाप-कर्म कट जाया करते हैं। संचित कर्मों का दायरा बड़ा जबरदस्त है। चौरासी लाख शरीरों को भोगते-भोगते आखिर मे...
रूहानियत: जब बेपरवाह साईं जी का पावन भंडारा मनाने पंजाब पहुंचे पूजनीय परम पिता जी
‘गांव का नाम चुघ्घां, नाम लेकर कर दो उघ्घा, फिर बनेगा उघ्घा, फिर हो जाएगा चुघ्घा’
सच कहूँ/मनजीत नरूआणा
चुघ्घे कलां/बठिंडा। कहते हैं जिस धरती पर पूर्ण मुर्शिद के पावन चरण कमल पड़ जाएं, वह धरती भागों वाली हो जाती है। गांव और ब्लॉक चुघ्घे कलां जिला बठि...