बुरे विचारों से कमजोर होती है सोचने की शक्ति
बुरे विचारों से इन्सान के शरीर पर हर तरह का असर होता है। शारीरिक शक्ति का नाश होता है, दिमाग के सोचने की शक्ति कम हो जाती है और बुरे विचारों का ताना-बाना बुनते रहने से इन्सान का आत्मबल कम होता चला जाता है।
निंदकों से सदा बचकर रहो
सरसा (सकब)। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान को सुमिरन के लिए टाईम-पीरियड फिक्स करना चाहिए। आमतौर पर लोग बड़ी जल्दबाजी करते हैं कि पांच-सात दिन सुमिरन करुंगा और मुझे ये मिल जाए, वो मिल जाए। जबकि आप यह सोचें कि मैं...
मालिक के नाम का नशा करो
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक के नाम का ऐसा नशा है जो इन्सान को दोनों जहान की खुशियों से लबरेज कर देता है और इस नशे के आने से इन्सान के तमाम गम, दु:ख-दर्द, परेशानियां दूर हो जाती हैं। मालिक के नाम का नशा कोई भा...
सत्संग में पैदा होती है प्रभु-भक्ति की भावना
अगर आप मालिक का नाम जपना चाहते हैं तो आप सत्संग सुनें। तभी आपको प्रेरणा मिलेगी, आपके अंदर मालिक के नाम के प्रति लगन लगेगी।
अपने खानदान के बारे में पूज्य गुरु जी ने ऐसा क्या कहा जिसको सुनकर 6 करोड़ साध-संगत गर्व महसूस करती है
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि हमारी खानदानी तो आप हैं, सारी साध-संगत और हमें उम्मीद है, कि हमारी खानदानी में ऐसे-ऐसे लोग पड़े हंै, जो दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं करते। हमारी खानदानी में ऐसी...
राम-नाम का धन दोनों जहान में होता है मददगार
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मनुष्य का असली काम ईश्वर, अल्लाह, वाहेगुरु, राम का नाम जपना है, बाकी जितने भी कार्य दुनिया में रहता हुआ यह इन्सान करता है, सबके सब जिस्म (शरीर) से संबंधित हैं। जब शरीर ही साथ नहीं ...
नेकी-भलाई के रास्ते पर दृढ़ता से चलें
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान इन्सानियत पर जब तक चलता नहीं, तो इन्सान को जो परमपिता परमात्मा ने वचन किये हैं, तोहफे बख्शे हैं वो नहीं मिलते। इन्सानियत का तकाजा कि आप रहम करें, दया करें, किसी क...
प्रभु का नाम लिया जाए तो नहीं रहती किसी भी चीज की कमी: पूज्य गुरु जी
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मनुष्य शरीर में प्रभु का नाम लिया जाए तो यह बेशकीमती बन सकता है तथा इन्सान परमानंद की प्राप्ति कर सकता है। लेकिन इसके लिए सुमिरन करना होगा। इन्सान अपने शरीर की ताकत के लिए बहुत कुछ...
प्रभु से दूर कर देता है अहंकार
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि एक मुरीद अपने परमपिता परमात्मा को तभी हासिल कर सकता है, जब वह अपनी खुदी को मिटा देता है। जब तक इन्सान के अंदर खुदी, अहंकार रहता है तब तक वह अपने सतगुरु, मौला से दूर ही दूर रहत...
सुमिरन के लिए समय अवश्य निश्चित करो
सरसा। वो परम पिता परमात्मा कण-कण में जर्रे-जर्रे में है, सबके अंदर हैं। और जब अंदर से नजर आता है, तो हर जगह नजर आता है, लेकिन सबसे पहले उसे अपने अंदर देखना अति जरूरी है। उक्त वचन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी ने शाह सतनाम जी धा...