दूसरों की बुराई नहीं, खुद में निगाह मारो
दूसरों की गलतियां देखने की बजाय इन्सान को अपने अंदर निगाह जरूर मारनी चाहिए। इन्सान दूसरों की तरफ तो हर समय निगाह मारता है और उनकी गलतियां देखता है जबकि उसे चाहिए कि वह अपने अंदर निगाह मारकर देखे। अगर इन्सान दूसरों की बुराई करने की बजाय अपने बुरे विचारों को त्याग दे तो मालिक जरूर उसे खुशियों से मालामाल कर देता है।
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