सुमिरन के लिए समय अवश्य निश्चित करो
सरसा। वो परम पिता परमात्मा कण-कण में जर्रे-जर्रे में है, सबके अंदर हैं। और जब अंदर से नजर आता है, तो हर जगह नजर आता है, लेकिन सबसे पहले उसे अपने अंदर देखना अति जरूरी है। उक्त वचन पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां जी ने शाह सतनाम जी धा...
बरनावा में छाई बहार, भंडारा आज
पावन भंडारा। यूपी में धूमधाम से मनाया जाएगा पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज के अवतार माह
पूज्य गुरु जी बरनावा पधारे
साध-संगत ने घी के दीये जलाकर व आतिशबाजी के साथ किया स्वागत
मानवता भलाई कार्यों में अग्रणी ब्लॉकों के सेवादारों का स...
देना ही है तो 100 पर्सेंट वचन मानने का तोहफा दें
बरनावा। ये जनवरी का महीना शाह सतनाम जी, शाह मस्तान जी दाता, रहबर, साई, जिन्होंने सच्चा सौदा बनाया शाह सतनाम जी महाराज का पाक पवित्र अवतार महीना है, पूरी साध-संगत खुशी, उल्लास और धूमधाम से अवतार महीने को मनाती है और ये मनाया भी क्यों न जाए, जिस दाता स...
दृढ़ यकीन से करो इबादत
सरसा। इंसान जब अपने परम पिता परमात्मा को याद करता है उसके अंदर एक तड़प लगी होती है। तो वो मालिक दया का सागर रहमोकर्म का दाता इंसान को अंदर-बाहर से उसकी तड़प के अनुसार खजाने लुटा देता है। पर ये प्यार, ये मोहब्बत एकरस-एकसार होनी चाहिए। उक्त रूहानी वचन पू...
हरिरस से होती है आत्मा बलवान
Sirsa: पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान कई बार अपने पिछले बुरे कर्मों की वजह से दु:खी रहता है। इन सब परेशानियों का जबाव सत्संग में आकर मिलता है। सत्संग में जब जीव चल कर आता है तो जन्मों-जन्मों के पाप कर्म कट जाया...
आत्मविश्वास के लिए आत्म-चिंतन जरुरी
Sirsa: पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अगर इस कलियुगी संसार में इन्सान सुख-शांति प्राप्त करना चाहता है तो इसके लिए उसके अंदर आत्मविश्वास होना जरूरी है। जिस इन्सान में आत्मविश्वास होता है, वही बुलंदियों को छू सकता ...
भाग्यशाली इन्सान को मिलता है पूर्ण सतगुरु
Sirsa: पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने शाह सतनाम जी धाम सरसा में आयोजित बुधवार शाम की रूहानी मजलिस के दौरान फरमाया कि जिसे पूर्ण सतगुरु मिल जाता है उससे भाग्यशाली इंसान इस दुनिया में हो नहीं सकता। कहीं भी जाना हो इंसान सोचता है प...
मालिक को पाने के लिए आत्मविश्वास जगाना जरूरी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सत्संग एक ऐसी जगह होती है, जहां ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, राम की चर्चा होती हो, जहां पे इन्सान आकर बैठे तो उसे अपने मालिक, परमपिता, परमात्मा की याद आए, खुद में क्या गुण हैं, ...
मन से बचने के लिए मालिक की चर्चा सुनो
Sirsa: पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक का ΄यार बेइंतहा खुशियां बख्शता है, गुनाहगारों को निजधाम, सचखण्ड, सतलोक, अनामी पहुंचा सकता है। मालिक के ΄यार-मुहब्बत के मार्ग में रुकावटें, अड़चनें आती हैं, बुराई तरह-तरह की प...
न गुनाह करो और न ही करवाओ
Sirsa: पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जब इंसान अल्लाह-वाहेगुरु, गॉड, खुदा, राम से जुड़ जाता है तो उसके विचारों में तबदीली आती है, उसकी राह बदल जाती है और गुजरे हुए रास्तों को जब वो याद करता है तो वैराग्य आता है कि हे ...