भयानक पाप-कर्मों से बचाता है सत्संग
सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो जीव ओम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरु, मालिक की याद में आकर बैठते हैं, तथा उस परमपिता परमात्मा की चर्चा करते हैं, वो बहुत भाग्यशाली होते हैं या भाग्यशाली बन जाया करते हैं। आप जी फरमाते ...
चुगली, निंदा, टांग खिंचाई में समय बर्बाद न करो
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि भगवान ने सब शरीरों में से मनुष्य को बिल्कुल अलग बनाया है। इसके अंदर जितना दिमाग, सोचने समझने की शक्ति है किसी और प्राणी में नहीं। आत्मा को मनुष्य जन्म भगवान को पाने के लिए, आत्मा क...
बठिंडा की साध-संगत ने किया 206 यूनिट रक्तदान
पूज्य बापू नंबरदार मघ्घर सिंह जी की पावन स्मृति पर साध-संगत ने किया रक्तदान (Parmarthi Diwas 2020)
शिविर में कोविड-19 को लेकर सरकारी हिदायतों का किया गया पालन
सुखजीत मान /सुखनाम /मनजीत नरूआणा बठिंडा /चुघ्घे कलां। पूज्य बापू नंबरदार मघ्घर ...
सत्संग सुन वचन मानना ही अणख
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि एक इंसान जब भी राम-नाम छोड़ देता है तो उसके अंदर की भावना बुरी तरह से मर जाती है। इंसानियत को भूला हुआ इंसान शैतान बन जाता है। वह अपने दिमाग के तंग दायरे में इस तरह कैद हो जाता...
फतेहाबाद की साध-संगत ने किया रक्तदान
सच कहूँ/विनोद शर्मा फतेहाबाद। द्वारा दी गई पवित्र शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए फतेहाबाद की साध-संगत ने जरुतमंद मरीजों के लिए रक्तदान एवं प्लाजमा दान किया। इस मौके पर तीन लोगों ने रक्तदान व दो व्यक्तियों ने प्लाजमा दान किया। यह जानकारी देते हुए जिम्मेव...
सतगुरु हर कण-कण में मौजूद
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जब इंसान भगवान से जुड़ जाता है तो उसके विचारों में तबदीली आती है, उसकी राह बदल जाती है और गुजरे हुए रास्तों को जब वो याद करता है तो वैराग्य आता है कि हे रहबर, मुझे पहले ही यह रास्ता...
डेरा सच्चा सौदा श्रद्धालुओं ने जरूरतमंद महिला को दिया राशन
गुरुग्राम (सच कहूँ न्यूज)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षाओं पर चलते हुए गुरुग्राम के डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने जरूरतमंद महिला को एक माह का राशन देकर उसकी मदद की। लॉकडाउन के दौरान भी डेरा अनुयायियों ने बेघरों, ग...
राम नाम से मृतलोक में भी पा सकते हो बेइंतहा खुशियां
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि संत जीवों को समझाते हैं कि इन्सान उस मालिक से बिछुड़ कर आया है और बिछुड़े हुए को सदियां बीत चुकी हैं। अब मालिक इन्सान को वापिस बुला रहा है कि तूं निजघर, सतलोक, सचखंड, अनामी में ...
कलियुग में राम-नाम जपना अति जरूरी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो मालिक की भक्ति-इबादत करते हैं, जिन लोगों में उस मालिक के प्रति दीवानगी है, जो उस मालिक के रहमो-करम का हकदार बनना चाहते हैं ऐसे बन्दे ही इस दुनिया में मालिक, सतगुरु के लायक ...
मन व माया के पर्दे को हटाने के लिए राम-नाम जरूरी
सरसा । पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सत्संग में जब जीव चलकर आता है तो उसे असलियत, अमलियत व जीवन के बारे में समझ आती है। ये पता चलता है कि वास्तविकता क्या है? आत्मा कहां से बिछुड़कर आई, कहां उसने वापिस जाना है, कौ...