राम-नाम के बिना जीवन व्यर्थ
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक के नाम के बिना जीवन व्यर्थ है। मालिक के नाम से ही जीवन की कद्र-कीमत पड़ती है और आत्मा आवागमन से आजाद होती है। मनुष्य जन्म सदियों के बाद, युगों के बाद आत्मा को मिलता है। इस मनु...
परमार्थ करना ही इन्सान का धर्म है
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि संत, पीर-फकीर सबको समझाते हैं, उनकी ड्यूटी होती है जीवों को नेकी-भलाई के राह पर चलाना। अल्लाह, वाहेगुरु, राम की तरफ से वे संसार में समझाने के लिए आते हैं। उनका मकसद जीव को भक...
जिला लुधियाना के 4 ब्लॉकों ने किया 377 यूनिट खूनदान
वनरिन्द्र सिंह मणकू /रघबीर सिंह लुधियाना। डेरा सच्चा सौदा जिला लुधियाना के 4 ब्लॉकों की ओर से सोमवार को बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज जी के पावन अवतार माह की खुशी को समर्पित खूनदान कैंप लगाया गया, जिसमें अलग -अलग ब्लॉकों ने मिलकर (Donated 377 units o...
आत्मविश्वास के लिए आत्म-चिंतन जरुरी
सरसा। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अगर इस कलियुगी संसार में इन्सान सुख-शांति प्राप्त करना चाहता है तो इसके लिए उसके अंदर (Confidence) आत्मविश्वास होना जरूरी है। जिस इन्सान में आत्मविश्वास होता है, वही बुलंदियों...
मालिक से मिलाने वाले कर्म करो
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि अल्लाह, वाहेगुरु, राम ने इन्सान को इसलिए बनाया कि यह दुनिया में आकर अच्छे-नेक कर्म करे, अल्लाह, वाहेगुरु, राम को याद करे ताकि जन्म-मरण का चक्कर हमेशा के लिए खत्म हो जाए। जीते-जी पर...
खुदी से बढ़कर इन्सान का कोई और दुश्मन नहीं
सरसा (सकब)। पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि इन्सान को जब परमपिता परमात्मा निगाह दे देता है, तो उसे वो नजारे मिलते हैं, वो लज्जत मिलती है, जिसकी कभी कल्पना नहीं की होती। वो खुशियां मिलती हैं, जिनका लिख-बोल कर वर्णन...
सत्संग सुन वचन मानना ही अणख
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि एक इंसान जब भी राम-नाम छोड़ देता है तो उसके अंदर की भावना बुरी तरह से मर जाती है। इंसानियत को भूला हुआ इंसान शैतान बन जाता है। वह अपने दिमाग के तंग दायरे में इस तरह कैद हो जात...
मालिक को हाजिर नाजिर मानके कभी कोई गुनाह न करो
सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि ये महीना सच्चे मुुर्शिदे-कामिल बेपरवाह मस्ताना जी महाराज का पाक-पवित्र अवतार महीना है और इस महीने में खुशियों का दाता कहें..., रूहों का व्यापारी कहें..., रहमोकर्म का मालिक कहें...,...
ब्लॉक मलोट की साध-संगत ने बच्चों को स्टेशनरी और कपड़े बांटे
सच कहूँ/मनोज मलोट। डेरा सच्चा सौदा के सेवादार हमेशा ही मानवता भलाई के कार्य कर आगे रहते हैं चाहे पूरे देश में कहीं भी प्राकृतिक आपदा हो, वहीं डेरा सच्चा सौदा के सेवादार हमेशा ही सब से पहले पहुंचकर राहत के कार्य करने में पहल करते हैं। इसके अलावा जरूरत...
अवगुण, पाप-गुनाह खत्म करना चाहते हैं, तो सेवा-सुमिरन करो
सरसा (सकब)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि मालिक की याद में, उसके प्यार-मोहब्बत में जो खुशी मिलती है, वो कहीं से नहीं खरीदी जा सकती। इन्सान की भावना जब प्रबल हो जाती है, उस परमपिता परमात्मा के लिए अंत: करण तड़प उठता है...