गुरप्रीत सिंह/जसवीर गहल/रवि गुरमा, सरसा। कहते हैं कि सच्चे संत जहां भी हों उनका मनोरथ लोक का कल्याण करना होता है, बिल्कुल इसी तरह पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की लगातार आ रही रूहानी चिट्ठियां(Spiritual Letters) समूह डेरा श्रद्धालुओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बन रही हैं। आज सरसा में पवित्र भंडारे दौरान पूज्य गुरू जी की आठवीं चिट्ठी साध-संगत को ‘सौगात’ के रूप में मिली और इस बार पूज्य गुरू जी की तरफ से इस चिट्ठी में 138वें मानवता भलाई के कार्य को शामिल किया गया, जिसे समूह साध-संगत ने थ खड़े कर स्वीकारा और तुरंत इस पर अमल करना भी शुरू कर दिया।
पूज्य गुरू जी की तरफ से आज 138वें मानवता भलाई के कार्य, जिसमें जरूरतमंद परिवारों के बीमार बच्चों का इलाज करवाना और उनकी अच्छी सेहत के लिए गुणवत्ता भरपूर खुराक देना कहा गया है, जैसे ही पूज्य गुरू जी की रूहानी चिट्ठी साध-संगत को पढ़ कर सुनाई गई तो बेहद भावपूर्ण और आँखें भर कर साध-संगत की तरफ से पूज्य गुरू जी की तरफ से नए शुरू किए गए कार्य को आज से ही शुरू करने का प्रण लिया गया।
जब इस संबंधी साध-संगत में मौजूद डेरा श्रद्धालुओं से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि उनको पूज्य गुरू जी की हर चिट्ठी(Spiritual Letters) ने कुछ न कुछ नया कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। इस संबंधी बातचीत करते डेरा श्रद्धालु हरी सिंह पुत्र हरनाम सिंह निवासी महलां चौक (संगरूर) ने कहा कि बेहद खुशी की बात है कि पूज्य गुरू जी की तरफ से उन बच्चों की सेहत का ख़्याल किया गया है, जो कुपोषण का शिकार होकर अपनी जिंदगी दुखों में काट रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज 138वें कार्य के अमल करने के मनोरथ के साथ ब्लॉक में ऐसे जरूरतमंद परिवारों के छोटे बच्चों की खोज करूँगा, जिनको इलाज की जरूरत है और वह अपनी पहुँच मुताबिक उनके इलाज के लिए मदद करने को अपना सौभाग्य समझेगा।
इस संबंधी बातचीत करते लाल सिंह पुत्र गुरनाम सिंह निवासी राएधराना (लहरागागा) ने कहा कि आज कोरोना की भयानक बीमारी के कारण पूरे देश में हाहाकार मची हुई है। पूज्य गुरू जी की रूहानी चिट्ठी में कोरोना की बीमारी को कंट्रोल करने के लिए किये बड़े प्रयासों जिसमें मुँह पर मास्क लगा कर रखना और मास्क बाँटने और उसके अलावा खुद कोरोना रोधक वैक्सीन लगवानी और दूसरों को लगवाने के लिए प्रेरित करना, बहुत ही बे-मिसाल कदम है और वह खुद इस पर अमल कर रहे हैं और लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।
इस संबंधी बातचीत करते परमजीत सिंह पुत्र ज्वाला सिंह निवासी भदौड़ (बरनाला) ने कहा कि पूज्य गुरू जी का पूरा जीवन ही मानवता को समर्पित है, उनकी तरफ से भेजी रूहानी चिट्ठियां भी आज मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत बन रही हैं, जिससे प्रेरणा ले कर साध संगत आगे की अपेक्षा भी बढ़चढ़ कर जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है।
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