- बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज के पावन वचन
‘‘यह जो डेरा सच्चा सौदा बना है यह किसी इंसान का बनाया हुआ नहीं है। यह सच्चे पातशाह के हुक्म से ख़ुद-ख़ुदा का बनाया हुआ है।’’
डेरा सच्चा सौदा के बारे में साईं जी के पावन वचन
यह वह सच्चा सौदा है, जो आदिकाल से चला आ रहा है। यह कोई नया धर्म, मज़हब या लहर नहीं है। सच्चा सौदा का भाव है सच का सौदा। इसमें सच है भगवान, ईश्वर, इसरार, वाहेगुरु, अल्लाह, ख़ुदा, गॉड और सच्चा सौदा है उसका नाम जपना अर्थात् नाम का धन कमाना। दुनिया में भगवान के नाम के सिवाय सब सौदे झूठे हैं। कोई भी वस्तु इस जहान में सदा स्थिर रहने वाली नहीं है। ईश्वर, वाहेगुरु, ख़ुदा, गॉड के नाम का सौदा करना ही सच्चा सौदा है।
पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने पावन वचन फरमाए कि यहां बाग-बहारें लगेगीं और सचखंड का नमूना बनेगा। पूजनीय परम पिता जी ने यह भी पावन वचन फरमाए कि डेरा सच्चा सौदा दिन दोगुणी रात चौगुणी तरक्की करेगा।
जिनका उद्देश्य ही दूसरों के लिए जीना हो, खुद दु:ख सहकर भी दूसरों के दु:ख दूर करने हों, उनका रास्ता कभी भी कोई भी नहीं रोक सकता। मुसीबतों के चाहे कितने भी तूफान आएं, वह मानवता की बेहतरी के लिए काम करने से कभी भी पीछे नहीं हटते। मानवता भलाई के कार्यों के ऐसे नजारे आज दुनिया भर में देखने को मिल रहे हैं। जब डेरा सच्चा सौदा के सेवादार रक्तदान, पौधारोपण, मरणोपरांत शरीरदान, जरूरतमंदों को घर बनाकर देने जैसे मानवता भलाई के कार्यों में जुटे नजर आ रहे हैं।
इतिहास गवाह है कि समाज का भला करने वालों को बुरी ताकतें हमेशा अड़चनें डालकर रोकने का प्रयास करती हैं, ताकि समाज का भला न हो। असामाजिक तत्वों ने डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां और डेरा श्रद्धालुओं के खिलाफ जुल्म की कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इन सबके बावजूद भी पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के हाथ पूरी दुनिया के लिए दुआओं के लिए ही उठते रहे। पूज्य गुरू जी ने राजनीति, गैर राजनीति चालों के बावजूद मानवता की भलाई की मुहिम ज्यों की त्यों जारी रखी हुई है।
बुरा करने वालों का भी हो भला
डेरा सच्चा सौदा का बुनियादी असूल ही यही है कि सभी का भला करो, यहां उनका भी भला किया जाता है, जो हमेशा डेरा सच्चा सौदा के बारे में बुरा सोचते रहते हैं। साध-संगत चाहे रक्तदान करे, जरूरतमंदों को राशन बांटे या सड़क हादसों में घायल लोगों की संभाल करे, इस दौरान साध-संगत किसी भी जात-पात, धर्म या वैर-विरोध नहीं देखती।
डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना दिवस पर सच-कहूँ परिवार की ओर से लक्ख-लक्ख बधाई
पूज्य बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज ने डेरा सच्चा सौदा की शुभ स्थापना 29 अप्रैल सन् 1948 को की, जिसका हुक्म आप जी को बाबा सावण शाह जी महाराज से पहले ही हो चुका था। यह जगह सरसा-भादरा सड़क पर शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उस समय यह जगह बहुत ही वीरान थी। ज़मीन ऊबड़-खाबड़ थी। कहीं कांटेदार झाड़िंयाँ व कहीं गहरे गड्ढे थे। पूज्य शहनशाह मस्ताना जी महाराज ने अपने पवित्र कर-कमलों से फावड़े का टक लगाकर डेरा बनाने का शुभारम्भ किया।
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