डेरा सच्चा सौदा मानवता भलाई कार्यों में हमेशा आगे रहा है : डिप्टी स्पीकर
पांवटा साहिब। हिमाचल प्रदेश की राज्यस्तरीय नामचर्चा में हरियाणा विधानसभा डिप्टी स्पीकर चौ. रणबीर गंगवा ने कहा कि मेरा संबंध डेरा सच्चा सौदा से जन्म से है। क्योंकि मेरे अपने गाँव गंगवा के अंदर 1960 के अंदर डेरा बना था और मेरे माता-पिता उसी समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हैं। जबकि मेरा जन्म तो 1964 में हुआ। शाह मस्ताना जी महाराज ने स्वयं वहां आकर डेरा की नींव रखी थी। और जहां तक डेरा सच्चा सौदा की बात है, डेरा सच्चा सौदा एक खुली किताब है, यहां केवल मानवता की भलाई के कार्य किए जाते हैं। हमेशा ही गुरू साहिबानों ने साध-संगत को यही पाठ पढ़ाया है कि मानवता की भलाई ही परमात्मा की सेवा है। जिस तरीके से हर धर्म ये कहता है कि नर सेवा नारायण सेवा, इसी बात को मान कर पूज्य गुरू जी के आदेशानुसार डेरा सच्चा सौदा हमेशा मानवता की भलाई में लगा हुआ है।
जैसे अभी आपने यहां पर देखा, चाहे गरीब जरूरतमंदों को अनाज बांटने की बात हो, कंबल बांटने की बात हो, चाहे दीन-दुखियों की मदद करने की बात हो, हमें ये भी सिखाया जाता है कि राष्टÑ पहले, जहां कहीं भी देश के अंदर प्राकृतिक या अप्राकृतिक कोई आपदा आई तो शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार भाई-बहन सबसे पहले आपको वहां खड़े दिखाई देते हैं। मुझे आज भी ध्यान है जब स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे तो उस वक्त उड़ीसा के अंदर भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा आई तो पूज्य गुरू जी ने कहा कि हम पीड़ितों की मदद के लिए ट्रकों में भरकर सामान, दवाइयों सहित राहत सामग्री भेजेंगे। मंत्रालय की तरफ से ये कहा गया कि आपको रेलगाड़ी भेज देते हैं, आप बता दें कि कितने डिब्बे राहत सामग्री के लिए रेलगाड़ी में लगाए जाएं।
तो पूज्य गुरू जी ने कहा कि जितने ज्यादा से ज्यादा डिब्बे इंजन खींच सकता है, उतने डिब्बे लगाकर भेज दें। और आज भी मुझे याद है कि मैं उस वक्त पाँच मैंबर कमेटी का सदस्य था। तो हम गए तो स्वयं महाराज जी (पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां) ने रेलवे स्टेशन पर रेलगाड़ी में राहत सामग्री भरवाई, जिसके अंदर दवाइयां, चावल, वस्त्र और कई तरह का जरूरत का सामान। इसके साथ ही शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने वहां उड़ीसा में पहुंचकर सेवा की। इसी तरीके से गुजरात के कच्छ और भुज में भूकंप के वक्त डेरा सच्चा सौदा ने सैकड़ों गाँव अडॉप्ट करके उनको पुर्नस्थापित किया।
चाहे गरीब बेटियों की शादी करवाने की बात हो, चाहे दीन-दुखियों के मकान बनाने की बात हो, तो एक दिन के अंदर कंप्लीट मकान बनाकर देना, ये केवल पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन आशीर्वाद और दिशा-निर्देशन से डेरा सच्चा सौदा के सेवादार ही कर सकते हैं। पूज्य गुरू जी ने हमेशा एक ही पाठ पढ़ाया है कि मानवता की भलाई ही सबसे बड़ी सेवा है, कभी किसी का दिल ना दुखाएं, सबको साथ लेकर चलें। इस तरह की शिक्षा देकर एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए और एक अच्छे राष्टÑ के निर्माण के लिए अहम् भूमिका डेरा सच्चा सौदा ने निभाई है। निश्चित रूप से साध-संगत बहुत भागो वाली है, जो यहां सत्संग में पहुंची है।
क्योंकि बगैर भागों के सत्संग में आया नहीं जा सकता। वो भी इस टाइम पर, क्योंकि जो सच का रास्ता होता है, उसके अंदर रूकावटें बहुत आती हैं, चाहे भगवान श्री रामचन्द्र जी की बात हो, चाहे श्रीकृष्ण जी के समय की बात हो, अनेक तरह की बुराइयां भी लगीं, रूकावटें भी आर्इं, समय के साथ-साथ सभी बातें क्लीयर हो गर्इं। तो समय के साथ-साथ जो दृढ़ यकीन रखते हैं उनका बेड़ा मालिक खुद पार करता है। ये पूज्य गुरू जी के वचन भी हैं। उन्होंने कहा कि मालिक की रहमत से ही आज यहां तक पहुंचा हूँ, क्योंकि पहले मैं डेरा सच्चा सौदा की पांच मैंबरी कमेटी में सेवा करता था। उसके बाद में चाहे जिला परिषद मैंबर की बात हो, चाहे एमएलए की बात हो, चाहे एमपी की बात हो, तो अब डिप्टी स्पीकर के पद पर हूँ, ये सारी की सारी रहमत उस मालिक, उस दाता की है। उसकी रहमत के बगैर आपको कुछ नहीं मिल सकता।
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