प्रयागराज (एजेंसी)। Prayagraj News: सीपों में उम्दा किस्म के मोती उत्पन्न कर दुनिया को अचम्भित करने वाले वैज्ञानिक डॉ. अजय सोनकर का दावा है कि मोती में पाए जाने वाले अद्भुत पोषक तत्व से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के उपचार में मदद मिलेगी। ‘पद्मश्री’ से सम्मानित डॉ. सोनकर ने नैनी में सोमवार को यूनीवार्ता से बातचीत में कहा कि तिरूअनंतपुरम स्थित आयुष मंत्रालय के शोध संस्थान ‘सिद्ध’ क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान के प्रभारी निदेशक डॉ. कंगाराजन ने मोती से निर्मित तमाम रोगों की औषधि तैयार करने के लिए किए जा रहे शोध के लिये उनके द्वारा तैयार किए गये विशेष किस्म के मोती देने में सहयोग के लिए पत्र लिखा था। Prayagraj News
चीन के मोती शोध के लिए उपयुक्त नहीं | Prayagraj News
उन्होंने बताया कि भारत का मोती बाजार चीन के मीठे पानी के मोती से पटा पड़ा है, जो डॉ. कंगाराजन के शोध के लिए उपयुक्त नहीं हैं। संस्थान को मोती औषधि के मानकीकरण पर शोध के लिए ऐसे मोतियों की आवश्यकता है, जो हानिकारक तत्व रहित हो। अनुसंधान केंद्र ने दुनिया के अनेक अग्रदूतो से उम्दा मोती के लिये सम्पर्क किया, उन्हें हर श्रोत से डॉ. सोनकर के पास ही औषधीय मोती होने की जानकारी मिली।
उन्होंने बताया कि संस्थान के शोध में सहयोग एवं जनहित के लिए करीब 3500 से अधिक मोतियों से न्युक्लिुस पृथक करने के बाद 100 ग्राम शुद्ध मोती बिना किसी अवरोध उपलब्ध कराया है। उन्होंने बताया कि मोती के निर्माण की प्रक्रिया में शेल से बने न्युक्लियस को शैल्य क्रिया द्वारा सीप के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है जिसके ऊपर मोती की परतें जमा होती हैं।
शोध की विधि | Prayagraj News
करीब एक वर्ष सीपों को नियंत्रित वातावरण में पाला जाता है, और पर्याप्त परत जमा हो जाने के बाद सर्जरी करके उस मोती को सीप के शरीर से निकाल लिया जाता है। तत्पश्चात् मोती की परतों को प्रत्यारोपित न्युक्लियस (वाह्य कण) से विशेष प्रक्रिया के द्वारा बहुत सावधानी पूर्वक अलग किया जाता है, जिससे उपचार के लिए उपयोग में लाए जाने वाला अद्भुत पोषक तत्व किसी भी प्रकार वाह्य तत्व से रहित रहें।
डॉ. सोनकर ने बताया कि समुद्र में मिलने वाली सीप की कुछ प्रजातियों में बने मोती में कई ऐसे तत्व पाये गये हैं जो गंभीर बीमारियों के उपचार के लिये उपयुक्त होते हैं। इन मोतियों में जिंक तांबा, मैग्नीशियम, लोहा, कैल्शियम, सोड़ियम और पोटेशियम जैसे तमाम धातुओं और खनिजों के निशान होते हैं, जो उपचार में कारगर हैं। Prayagraj News
यह भी पढ़ें:– गुरुग्राम: माउथ फ्रेशनर के नाम पर ड्राई आईस देने वाले रेस्टोरेंट की लाइसेंस रद्द