स्वच्छ, स्वस्थ व योग के सेनानी बने डबवाली के वियोगी हरि
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अब तक लगा चुके हैं 350 नि:शुल्क शिविर
डबवाली। राजमीत इन्सां। शहर के स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य एवं रिटायर्ड जिला मार्केटिंग अधिकारी वियोगी हरि पुत्र वैद्य हंसराज (स्वतंत्रता सेनानी) स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य व संचालक पतंजलि आरोग्य केंद्र डबवाली है। जबकि उनकी तीन बेटियां ही संतान है अब तक 350 नि:शुल्क योग शिविर लगा चुके हैं। जिसमें कांगड़ा से बाड़मेर तक पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व राजस्थान में हजारों, महिलाओं, पुरुषों व युवाओं को योग का प्रशिक्षण दे चुके हैं। जिसमें सैंकड़ों योग शिक्षक उनसे योग प्रशिक्षण हासिल कर योग का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। उनके द्वारा योग के क्षेत्र में निष्काम व निस्वार्थ भाव से की गई सेवा के लिए उन्हें चार बार राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। वहीं उनकी पत्नी त्रिवेणी शर्मा भी महिला योग शिक्षक के तौर पर अपनी पहचान बना चुकी हैं। वह काफी लंबे अर्से से कॉलोनी रोड स्थित मैहता धर्मशाला में महिलाओं को योग सिखा चुकी हैं। उनके द्वारा शिक्षा प्राप्त कर चुकी महिलाएं आज भी मैहता धर्मशाला में योग की कक्षाएं लगा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि 23 सितंबर, 2003 में उन्होंने अपनी पत्नी त्रिवेणी शर्मा के साथ पूरा जीवन स्वामी रामदेव के सानिध्य में स्वस्थ भारत मिशन को समर्पित करने का संकल्प लिया। वहीं 2014 में एसडीएम सतीश कुमार सैनी के सानिध्य में स्वच्छ भारत अभियान का संकल्प ले चुके वियोगी हरि शर्मा ने डबवाली के साथ-साथ कालांवाली, फतेहाबाद व ऐलनाबाद उपमंडल में अपनी सेवाएं देकर शहरों को स्वच्छ व साफ-सुथरा बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने सात फुट लंबी झाडू् से डबवाली के तमाम वार्ड की गलियों व मौहल्लों को चकाचक कर दिया।
युवाओं के लिए बने प्रेरणा का स्तम्भ :
वियोगी हरि शर्मा ने कहा कि आधुनिक जीवन की बदलती जीवन शैली में तन और मन को स्वस्थ एवं संतुलित रखना नितांत आवश्यक है। आज संपूर्ण विश्व में विज्ञान की अंधी दौड़ में सर्वत्र विभिषिका के बादल मंडरा रहे हैं। चहुंओर तनाव ही तनाव नज़र आ रहा है और मनुष्य अपने ही द्वारा सभ्यता के विकास की ओर कदम बढ़ाते हुए विषाक्त वातावरण तैयार कर रहा है। जिसका प्रत्यक्ष उदाहण है कोरोना वैश्विक महामारी। जिसका भयावह रूप हमारे सामने है। इस महामारी पर जिसने भी विजय पाई है तो सिर्फ अपनी शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के बल पर। उन्होंने कहा कि पहला सुख निरोगी काया के आधार पर मैं आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर युवाओं से आह्वान करता हूं कि वह अपनी दिनचर्या में योग को अवश्य शामिल करें ताकि वह स्वस्थ रह सकें।
वियोगी हरि शर्मा का जन्म 2 अप्रैल, 1951 को तलवंडी साबो जिला बठिंडा के गांव चट्ठांवाला निवासी वैद्य हंसराज के घर हुआ। बचपन से ही वह कुशाग्र बुद्धि के बालक थे। इसी दौरान इनका परिवार सन् 1954 में डबवाली में शिफ्ट हो गया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा डबवाली के हाई स्कूल में हुई और उच्च शिक्षा उन्होंने रोहतक यूनिवर्सिटी से प्राप्त की।
शिक्षा प्राप्त कर लेने के बाद इन्होंने गोरीवाला के सरकारी स्कूल में एक अध्यापक के तौर पर कार्य किया। आठ वर्षों तक शिक्षा के क्षेत्र में सेवाएं देने के बाद इनकी सलेक्शन जिला उद्योग केंद्र सिरसा में मार्केटिंग अधिकारी के तौर पर नियुक्ति हुई। करीब 23 वर्षों की सर्विस के बाद वह अधिकारी के तौर पर सेवानिवृत्त हुए और बाद में सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय हो गए। एक प्राकृतिक प्रेमी होने के नाते इन्होंने शहर के विभिन्न स्थानों एवं आसपास के क्षेत्र में बहुत से पौधे रोपित किए जो आज एक वृक्ष का रूप ले चुके हैं। फिलहाल वह सिरसा स्थित हुड्डा कॉलोनी में रहते हैं।
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