नयी दिल्ली। सरकार ने हज यात्रियों तथा बंगलादेश और श्रीलंका जाने वाले लोगों के लिए अलग से विशेष पासपोर्ट बनाने की सुविधा अब समाप्त कर दी है। हाल में जारी राजपत्रीय अधिसूचना के अनुसार पासपोर्ट अधिनियम 1967 के अंतर्गत पासपोर्ट नियमावली 1980 में संशोधन किया है और बंगलादेश, श्रीलंका एवं सऊदी अरब जाने के लिए अलग से पासपोर्ट बनाने संबंधी उपनियमों को विलोपित कर दिया है। नये पासपोर्ट नियमों में आवेदन शुल्क ऑनलाइन लेने के बारे में आधिकारिक प्रावधान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब के लिए अलग से पासपोर्ट अधिकांशत: हज पर जाने वाले जायरीन बनवाया करते थे जिसकी वैधता आठ माह की थी। इसी प्रकार से श्रीलंका के लिए बनने वाले पासपोर्ट की वैधता चार वर्ष और बंगलादेश के लिए बनने वाले पासपोर्ट की वैधता तीन वर्ष की होती थी। तमिलनाडु के लोगों को उत्तरी श्रीलंका में अपने संबंधियों से मिलने तथा पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय एवं त्रिपुरा से बंगलादेश में अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए आने जाने के वास्ते ये सुविधा दी गयी थी।
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