हरियाणा में हर साल 28 हजार लोगों को मौत के मुंह में धकेल देता है तंबाकू
- युवाओं को तंबाकू इंडस्ट्री के हथकंडों से बचाने की अपील
- धूम्रपान करने वालों को कोरोना के संक्रमण का भी खतरा
गुरुग्राम /सच कहूँ ब्यूरो। प्रदेशभर का युवा वर्ग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के जाल में फंसता जा रहा है, जिससे इनको कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें खासतौर पर युवाओं को तंबाकू इंड्रस्टी के तंबाकू उत्पाद बेचने के लुभावने हथकंडों से बचाने की जरुरत है, जिनको ये आसानी से अपना ग्राहक बना लेते है। वहीं चबाने वाले तंबाकू उपयोगकर्ता कोरोना संक्रमण फैलाने का भी इन दिनों कारण बन रहे है। एक सर्वे के आंकड़ों के अनुसार राज्य में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले रोगों से प्रतिवर्ष 28 हजार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और देशभर में 13.5 लाख व विश्वभर में 80 लाख लोगों की जान इससे जाती है। प्रदेशभर में 116 बच्चे और देशभर में 5500 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू उत्पादों के जाल में फंसते हैं। वर्षभर में हरियाणा में 41 हजार 760 बच्चे तंबाकू का सेवन शुरू कर रहे हैं। इस स्थिति में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर लोगों से तंबाकू से दूर रहने की अपील की है।
कैंसर रोग विशेषज्ञ डा.वेदांत काबरा के अनुसार तंबाकू का धुआं इनडोर प्रदूषण का बहुत खतरनाक रूप है, क्योंकि इसमें 7000 से अधिक रसायन होते हैं। जिनमें से 69 कैंसर का कारण बनते हैं। तंबाकू का धुआं पांच घंटे तक हवा में रहता है, जो फेफड़ों के कैंसर, सीओपीडी और फेफड़ों के संक्रमण को बढ़ाता है। धूम्रपान करने वालों को कोरोना के संक्रमण खतरा भी अधिक रहता है, क्योंकि वह बार-बार सिगरेट व बीड़ी को मुंह में लगाते हैं। धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों की क्षमता भी कम हो जाती है, जिससे कोरोना संक्रमण होने पर मौत की संभावना कई गुणा तक बढ़ जाती है। तंबाकू चबाने वाला यूजर बार-बार पीक थूकता है। इसी पीक में लंबे समय तक कोरोना का संक्रमण रहता है। सरकार के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसी तरह छोटे बच्चों को जो घर पर निष्क्रिय धूम्रपान के संपर्क में आते हैं, उन्हें अस्थमा, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस, कान में संक्रमण, खांसी और जुकाम के बार-बार होने वाले संक्रमण और बार-बार श्वसन संबधी समस्याएं होती हैं।
हर दिन नए कस्टमर की जरुरत
देश दुनिया में प्रतिदिन तंबाकू इंडस्ट्री को नए उपयोगकर्ता की जरुरत होती है, जिसके चलते वे तंबाकू उत्पादों को नए रूप रंग में लेकर आते हैं। ताकि वे युवाओं को सीधे तौर पर आकर्षित कर सकें। पूरी दुनिया में 80 लाख कस्टमर प्रतिवर्ष मर रहे हैं, इसलिए ये लोग नए कस्टमटर को जोड़ने के लिए भी इस तरह के हथकंडे अपनाते हैं।
46.84 लाख युवा जाल में
संबध हेल्थ फांउडेशन (एसएचएफ) की डायरेक्टर आशिमा सरीन के मुताबिक ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे (गेट्स) 2016-17 के मुताबिक हरियाणा प्रदेश में 23.6 प्रतिशत (करीब 46.84 लाख, उम्र 15 वर्ष से अधिक) लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं। इनमें से 39 लाख (19.7 प्रतिशत) लोग धु्रमपान का सेवन करते हैं। प्रदेश में 15.5 प्रतिशत बीड़ी, 7.6 प्रतिशत हुक्का और 2.6 प्रतिशत सिगरेट का सेवन करने वाले शामिल हैं। प्रदेश में 15 से 17 वर्ष में तंबाकू सेवन करने वाले 4 प्रतिशत उपयोगकर्ता बढ़े है। धूम्रपान की वजह से नोन-स्मोकर पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। गंभीर चिंतन का विषय ये है कि इनमें से 10 लोग वे हैं, जो धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन बीड़ी-सिगरेट पीने वाले के संपर्क में रहने के कारण रोगग्रस्त होकर मौत का शिकार हो जाते हैं।
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