World AIDS Day 2024: विश्व एड्स दिवस पर विशेष: तिल-तिल मारती मौत: एचआईवी/एड्स

World AIDS Day 2024
World AIDS Day 2024: विश्व एड्स दिवस पर विशेष: तिल-तिल मारती मौत: एचआईवी/एड्स

लक्ष्यों से भटकते युवा वर्ग को अपनाने होंगे नैतिक मूल्य

डॉ. संदीप सिंहमार।

World AIDS Day 2024: जिस एचआईवी एड्स को विश्व से 2030 तक समाप्त करने की योजना बनाई गई थी, यह योजना खतरे में नजर आ रही है। इसके बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ-साथ यूएनएड्स भी चिंता जाहिर कर चुके हैं। यूएनएड्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2030 तक एड्स महामारी को एक सार्वजनिक स्वास्थ्य ख़तरे के रूप में समाप्त करने के लिए मानवाधिकारों की सुरक्षा और संवर्धन बेहद महत्वपूर्ण हैं। यह रिपोर्ट विश्व एड्स दिवस से पहले जारी की गई है और इसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि किस प्रकार मानवाधिकारों की अनदेखी से स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच बाधित होती है और रोगियों का दमन होता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन जैसे कि भेदभाव, कलंक और स्वास्थ्य सेवा में असमानता लोगों को आवश्यक सेवाओं से वंचित रखता है।

इन अवरोधों को दूर करने के लिए समाज में समावेशिता और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। एड्स से बचाव और उपचार के लिए सामुदायिक सहभागिता, सही जानकारी, और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच को सुनिश्चित करना चाहिए, ताकि प्रभावित लोग बगैर डर और भेदभाव के उपचार और सहायता प्राप्त कर सकें। इस रिपोर्ट का लक्ष्य है कि वैश्विक स्तर पर देशों को एकजुट होकर, साझा उद्देश्यों के माध्यम से इस चुनौती से निपटने के लिए प्रेरित किया जाए और उन्हें यह याद दिलाया जाए कि मानवाधिकार न केवल एक नैतिक जिम्मेदारी है बल्कि एड्स के अंत की दिशा में एक प्रभावी उपाय भी है। स्वास्थ्य देखभाल भेदभाव से निपटने के लिए कई प्रमुख रणनीतियाँ अपनानी होंगी। स्वास्थ्य कर्मियों के लिए व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम लागू करें ताकि भेदभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और उन्हें सहानुभूति और सांस्कृतिक क्षमता से लैस किया जा सके। World AIDS Day 2024

सभी रोगियों के लिए समान उपचार सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य देखभाल सेटिंग्स में भेदभाव-विरोधी कानूनों और नीतियों को लागू करना। स्वास्थ्य सेवाओं के विकास और कार्यान्वयन में प्रभावित समुदायों को शामिल करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी विविध आवश्यकताएं पूरी हों। भेदभाव के हानिकारक प्रभावों के बारे में जनता को सूचित करने और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में समानता को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरू करें। स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए भेदभावपूर्ण प्रथाओं की रिपोर्टिंग और समाधान के लिए प्रणालियां स्थापित करना। भेदभाव का अनुभव करने वाले लोगों को कानूनी और मनोवैज्ञानिक सहायता सेवाएं प्रदान करना ताकि उन्हें न्याय और आवश्यक देखभाल प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जा सके।स्वास्थ्य सेवा में भाषाई सुलभता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता सुनिश्चित करना ताकि हाशिए पर पड़ी और विविध आबादी के लिए सेवाओं को अधिक समावेशी बनाया जा सके। World AIDS Day 2024

इन रणनीतियों को अपनाकर, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली भेदभाव को समाप्त करने, पहुंच में सुधार लाने और सभी व्यक्तियों के लिए उचित उपचार सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर सकती है।एचआईवी/एड्स के खिलाफ वैश्विक अभियान एवं जागरूकता बढ़ाने की अत्यधिक आवश्यकता है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां संसाधनों की कमी है। जैसे सब-सहारा अफ्रीका के युवा सबसे अधिक एचआईवी से प्रभावित हैं। इन समुदायों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए लक्षित नीतियों पर बल दिया जाना चाहिए। सब-सहारा अफ्रीका के युवाओं में संक्रमण की उच्च दर इस तथ्य की ओर इशारा करती है कि लैंगिक असमानताओं और सामाजिक रूढ़ियों के कारण वे अधिक जोखिम में हैं। यह आवश्यक है कि ऐसे क्षेत्रों में व्यापक शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएं, ताकि युवतियां सही समय पर जानकारी और संसाधन प्राप्त कर सकें और अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकें।ग्लोबल स्तर पर 93 लाख लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं।

ये आंकड़े चिंताजनक है। यह भी महत्वपूर्ण है कि इस समस्या को केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के मुद्दे तक सीमित न रखा जाए, बल्कि इसे सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ में भी देखा जाए तो समाधान की दिशा में बढ़ा जा सकता है। समाज के प्रत्येक स्तर पर जागरूकता बढ़ाना, लैंगिक समानता को बढ़ावा देना, और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की पहुंच को व्यापक बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके साथ, वैश्विक स्तर पर सहयोग और समर्थन से ही एचआईवी/एड्स की चुनौती का सामना किया जा सकता है। सदस्य देशों और संगठनों को मिलकर काम करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी प्रभावित लोगों को जीवनरक्षक उपचार और समर्थन प्राप्त हो। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने विश्व एड्स दिवस के अवसर पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए विषमताओं को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

विषमताओं के कारण एड्स जैसी महामारी को खत्म करने और इससे जुड़े वायरस के उन्मूलन के प्रयासों में बाधाएं आ रही हैं। गुटेरेश ने अपने संदेश में स्पष्ट किया कि विश्व ने वर्ष 2030 तक एड्स को समाप्त करने का लक्ष्य तय किया था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि हम अपने लक्ष्यों से भटक गए हैं। उन्होंने इस दिशा में त्वरित और निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया, ताकि लोगों के जीवन को बेहतर और सुरक्षित बनाया जा सके।एड्स जैसी वैश्विक स्वास्थ्य संकट को समाप्त करने के लिए समावेशी और न्यायसंगत उपायों की आवश्यकता है, जिनसे सभी स्तरों पर स्थायी समाधान सुनिश्चित हो सके। World AIDS Day 2024

गुटेरेश का संदेश स्पष्ट रूप से यह इंगित करता है कि यदि हम विषमताओं को नहीं खत्म करते हैं, तो हमारे द्वारा निर्धारित 2030 का लक्ष्य अधूरा रह सकता है। उनका आह्वान वैश्विक समुदाय, सरकारों, नागरिक समाज संगठनों और अन्य हितधारकों के लिए एक चेतावनी है कि वे एड्स के उन्मूलन के प्रयासों में तेजी लाएं और असमानताओं को खत्म करने के लिए मिलकर काम करें। इस दिशा में सक्रियता और समग्र दृष्टिकोण से ही हम इन चुनौतियों से निपट सकते हैं। गुटेरेश का यह संदेश एकदम समय पर है और इसे एक सशक्त प्रेरणा के रूप में लिया जाना चाहिए। वर्तमान में भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर ऐसा समय आ गया है, जब महामारी बन चुकी एचआईवी के प्रति आमजन से लेकर सरकारों को उचित कदम उठाने होंगे,तभी इस महामारी को समाप्त किया जा सकता है। World AIDS Day 2024

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