कानपुर l उत्तर प्रदेश में कानपुर के बर्रा क्षेत्र में पुलिस के लापरवाह रवैये का खामियाजा अपहृत युवक को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा है। पिछले महीने के 22 जून को हुये अपहरण की सूचना परिजनो ने समय रहते पुलिस को दे दी थी और उसकी सलाह पर ही अपहरणकर्ताओं को फिरौती की रकम के तौर पर तीस लाख रूपये भी दे दिये लेकिन पुलिस की आखाें के सामने बदमाश फिरौती की रकम ले उड़े और उसकी तमाम कवायद धरी की धरी रह गयी। इसके बावजूद पुलिस पीड़ित परिजनो को टरकाती रही। बाद में एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बर्रा थाना प्रभारी रणजीत राय को निलंबित कर दिया और तीन दिनो के भीतर अपहृत युवक को सुरक्षित वापस लाने का भरोसा दिलाया लेकिन तमाम दावों के बावजूद पुलिस न तो युवक का जिंदा रहते पता लगा सकी और न ही जमीन जायदाद बेचकर जुटाई गयी फिरौती की रकम ही वापस ला सकी।
पुलिस ने गुरूवार देर रात अपहरण कांड का खुलासा किया जिसके अनुसार निजी पैथोलाजी के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव को उसके दोस्तों ने मौत के घाट उतार दिया था। पुलिस ने चार आरोपियों दोस्तों को गिरफ्तार किया है और उनसे पूछताछ कर रही है। वहीं परिजन पुलिस को दोषी ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि इस घटनाक्रम में जितने दोषी अपहरणकर्ता का उतना ही दोष पुलिस वालों का भी है इसलिए सजा बराबर से मिलनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण में उसके दोस्तों ने ही उसे दगा दे दिया था और 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने लैब टेक्नीशियन संजीत को अपने दोस्त ईशू यादव के रतनलाल नगर के कमरे में ले गया और बंधक बना लिया। चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देता रहा। 26 जून को कुलदीप ने दोस्त ईशू,रामबाबू और एक अन्य के साथ मिल कर संजीत की गला दबाकर हत्या कर दी और शव को कार में रखकर पांडु नदी में फेंक दिया था।
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