सोनिया गांधी ने हरियाणा में धीमी फसल खरीद पर जताई चिंता

sonia-gandhi

कोरोना के प्रकोप के बीच जाना प्रदेश का हाल ( Sonia Gandhi)

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़/सच कहूँ)। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा कोरोना महामारी व फसलों की खरीद संबंधी जानकारियों के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की। (Sonia Gandhi) बैठक में हरियाणा की कांग्रेस अध्यक्षा कुमारी सैलजा ने भी हिस्सा लिया। सोनिया गांधी ने इस दौरान प्रदेश में जारी कोरोना महामारी एवं फसलों की खरीद संबंधी जानकारियां लीं। वहीं उन्होंने फसलों की खरीद संबंधी किसानों और आढ़तियों को आ रही परेशानियों को लेकर चिंता जताई और प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि इस नाजुक दौर में किसानों और आढ़तियों के साथ समन्वय बना कर काम किया जाए।

वहीं बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षा कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी को अवगत करवाते हुए बताया कि हरियाणा प्रदेश में कोरोना महामारी और लॉकडाउन के समय में किसानों को फसल खरीद में बड़ी समस्या आ रही है। सरकार द्वारा आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन के माध्यम से ही फसल की खरीद करना, एक बार में फसल खरीद की सीमा तय करना, फसल खरीद बेहद ही धीमी गति से करना, किसानों की फसल में नमी बताकर उसमें कई किलो तक काटने जैसे फैसलों ने किसानों के सामने घोर संकट खड़ा कर दिया है। प्रदेश में 50 फीसद ऐसे किसान हैं, जिन्होंने अपनी फसल का आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, उनकी फसल खरीद अधर में लटक गई है।

धीमी गति से हो रही फसल की खरीद

सैलजा ने सोनिया को बताया कि सरकार द्वारा बेहद ही धीमी गति से फसल की खरीद की जा रही है, इससे फसल की खरीद होने में कई महीने लग जाएंगे। पहले ही किसानों की फसल कटाई के लिए मशीनें और मजदूर उपलब्ध नहीं हो पाए थे। इसके बाद सरकार के फसल खरीद के इन फैसलों ने किसानों के सामने घोर संकट खड़ा कर दिया है। वहीं अब प्रदेश में कई स्थानों पर सरकार के गलत फैसलों के कारण आढ़ती हड़ताल पर चले गए हैं और फसल की खरीद बंद है, जिस कारण पहले ही सरकार के फैसलों से दुखी किसानों को कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है।

उद्योगों संबंधी छूट पर भी किया सवाल

बैठक में कुमारी सैलजा ने प्रदेश में मौजूद उद्योगों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सरकार ने प्रदेश में उद्योगों को खुलने की अनुमति तो दे दी, परन्तु सिर्फ दिखावे के लिए। इन उद्योगों पर तरह-तरह की शर्तें थोप दी गर्इं, जो पहले ही मंदी का सामना कर नाजुक दौर से गुजर रहे इन उद्योगों के लिए पूरा करना बिल्कुल भी संभव नहीं है। प्रदेश में बड़ी संख्या में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग आज बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।