दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर हुआ किसान
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नाम की स्पेलिंग गलत चढ़ने के चलते बढ़ी परेशानी
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अब कोई राह नहीं दे रहे अधिकारी
सच कहूँ/विकास सिंहमार, सफीदों (सच कहूँ न्यूज)। उपमंडल के निमनाबाद गांव का किसान पिछले दो महीनों से अपनी गेंहू की फसल का भुगतान प्राप्त करने के लिए दफ्तर-दर-दफ्तर धक्के खा रहा है, लेकिन उसकी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस मामले में सरकार के 72 घंटे के अंदर-अंदर किसानों को पेमैंट किए जाने के दावे पूरी तरह से फेल साबित हो रहे हैं।
गांव निमनाबाद के किसान मेजर सिंह ने बताया कि वह मेरी फसल मेरी ब्यौरा के तहत अपनी फसल का पंजीकरण करवाकर सफीदों मंडी में अपनी गेंहू की फसल लेकर आया था। उसके सारी फसल की ब्रिकी पोर्टल पर अपलोड़ हो चुकी है तथा फसल का एक-एक दाना हरियाणा वेयरहाऊस व हैफेड के गोदामों में जा चुका है, लेकिन उसे आज तक पेमैंट प्राप्त नहीं हुई है।
इस मामले में वह मार्किट कमेटी सचिव से मिला तो उन्होंने कहा कि वह उन खरीद एजेंसियों से मिले, जिन्होंने उसकी फसल खरीदी है। जब वह खरीद एजेंसियों के अधिकारियों से मिला तो उन्होंने बताया कि उसके नाम की स्पेलिंग में कुछ दिक्कत है, जिसकी वजह से उसकी पेमैंट बैंक खाते में नहीं आ रही है। वह फिर से मार्किट कमेटी सचिव से मिला तो उन्होंने कहा कि वह नाम ठीक करने के लिए अपना शपथ पत्र दें।
किसानों ने बताया कि अब शपथ पत्र भी दे दिया, लेकिन हुआ कुछ भी नहीं। उसके बाद फिर से मिला तो उन्होंने कहा कि वह बैंक में एक नया खाता खुलवा ले, जिसमें वह गलत स्पेलिंग वाला नाम दर्ज हो जाए। मेजर सिंह का कहना है कि उसके सभी दस्तावेज मेजर सिंह के नाम से हैं तो वह किस प्रकार से गलत स्पेलिंग वाला नाम चढ़वाए।
उसने बताया कि वह इस मामले में सफीदों के प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर सीएम विंडों तक जा चुका है, लेकिन उसकी सुनने वाला कोई नहीं है। इस मामले में मार्किट कमेटी सचिव जगजीत कादियान से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऊपर से निर्देश है कि मीडिया को कोई भी बाईट न दी जाए।
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