मलबे में दबे सेना के जवानों को बचाने पहुंचे डेरा के जवान

Solan Building Collapse: Dera's Men reaches to save army men

सोलन में जमींदोज हुई चार मंजिला इमारत में दबे लोगों को बचाने पहुंचे शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार

बता दें कि गत दिवस हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कुम्हारहट्टी-नाहन मार्ग पर एक बहुमंजिला इमारत गिर गई। बिल्डिंग के नीचे सेना के करीब 35 जवान मौजूद थे, जिनमें से 17 को बचा लिया गया है।

चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। सोलन के एडीएम विवेक चंदेल ने बताया कि एक और जवान का शव निकाला गया है। मृतकों की (Solan Building Collapse: Dera’s Men reaches to save army men ) संख्या अब नौ हो गई है। आठ जवानों समेत नौ की मौत हुई है। पांच लोग देर शाम तक मलबे में दबे थे। 17 सेना के जवान और 11 आम नागरिकों को अब तक रेस्क्यू किया जा चुका है। बता दें कि रैस्क्यू आॅप्रेशन में डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग ने बड़ी भूमिका निभाई।

जैसे ही बिल्डिंग गिरने की सूचना मिली वैसे ही (Solan Building Collapse: Dera’s Men reaches to save army men ) आसपास के डेरा सच्चा सौदा के शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार तुरंत ही घटना स्थल पर पहुंच गए। सैंकड़ों की तादाद में पहुंचे डेरा के इन सेवादारों ने अपने पूज्य गुरू जी शिक्षाओं पर अमल करते हुए अपनी जान पर खेलकर मलबे के नीचे दबे लोगों को बचाने के लिए हाथ बढ़ा दिया। देर रात तक डेरा के सेवादार प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर रेस्क्यू आप्रेशन को अंजाम देते रहे।

वहीं सोलन के उपायुक्त केसी चमन का कहना है कि इमारत कैसे गिरी यह जांच का विषय है। हम जांच करेंगे। यह बिल्डिंग 2009 में बनाई गई थी। पिछले दिनों एक मंजिल और बढ़ाई गई थी। मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज क जा चुकी है।

सात घायलों को नजदीकी अस्पताल धर्मपुर लाया गया है जहां इनका उपचार जारी है। परवाणू और सोलन से सात एंबुलेंस को मौके के लिए रवाना कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में ढाबा चल रहा था, जहां 35 जवान खाना खाने के लिए रुके हुए थे। घायल जवान सुरजीत ने बताया कि वह ढाबा में खाना खा रहे थे तो आचानक धरती हिली ओर एकदम से पूरी इमारत गिर गई। इसके बाद उन्हें कोई पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि उनके साथ 30 आर्मी के जूनियर आॅफिसर व चार आर्मी जवान शामिल थे। सभी डगशाई बटालियन के जवान हैं और रविवार का दिन होने के कारण सभी ने लंच बाहर करने का प्लान बनाया था।

बताया जा रहा है कि बिल्डिंग के मालिक साहिल कुमार का परिवार भी यहीं रहता था। गनीमत रही कि हादसे के वक्त बच्चे बाहर खेल रहे थे लेकिन साहिल की पत्नी मलबे में दब गई

थी जिसे गंभीर हालत में बाहर निकाला गया। वहीं शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स की इस मुश्किल घड़ी में की गई मदद के लिए हर स्थानीय नागरिक खुले मन से तारीफ कर रहा है और कह रहा है कि धन्य हैं ये लोग जो बिना किसी लालच के यहां इतनी मुश्किल घड़ी में मदद के लिए पहुंचे। वहीं शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स के सेवादारों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस दुनिया में अच्छाई करने वाले भी अनेकों लोग हैं लेकिन यह शिक्षा किसी पूर्ण फकीर से ही प्राप्त हो तभी ऐसा संभव है।

अच्छाई के मार्ग पर चलने, दूसरों का दर्द समझने और मुसीबत में काम आना उनके गुरू – मुर्शिद-ए-कामिल संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की प्रेरणा सदका ही संभव हुआ है। वरना तो लोग ऐसे समय में अपने-अपने घरों को दौड़ जाते हैं लेकिन शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर फोर्स और डेरा की संगत हर किसी के दुख दर्द को अपना समझ उनकी मदद के लिए पहुंचती है। सेवादारों ने कहा कि वे प्रशासन के साथ मिलकर ये रेस्क्यू आप्रेशन चला रहे हैं और उन्हें जो आदेश मिलेगा वैसा ही वे कार्य करते रहेंगे।

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