वर्तमान में सोशल मीडिया के माध्यम से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जिस प्रकार से दुरुपयोग किया जा रहा है। वह देश में समाधान कम, समस्या ज्यादा पैदा करता हुआ दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग ने सुरक्षा संबंधी जो खतरे पैदा कर दिए हैं, वह एक बड़ी चुनौती है। कहा जा रहा है कि देश में जिस तरह से हिंसक प्रदर्शन हुए उसके पीछे एक बड़ा कारण ट्विटर पर एक पाकिस्तान अकाउंट को माना जा रहा है। यह भी चर्चा कि पाकिस्तान के एक पत्रकार द्वारा फर्जी वीडियो वायरल करवाई गई।
यह सत्य है कि सोशल मीडिया पर जारी किए जाने वाले विचारों के कारण कई स्थानों पर समाज घातक स्थितियां भी निर्मित हुर्इं हैं। दंगे भी हुए हैं और देश के विरोध में भी वातावरण बनता हुआ भी दिखाई दिया है। सोशल मीडिया कंपनियां अधिक से अधिक किसी अकाउंट को बंद कर सकती हैं या आपत्तिजनक सामग्री हटा सकती हैं लेकिन कंपनी दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने में बेबस है। दूसरे देशों में बैठे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना पहाड़ तोड़ने के बराबर है। अभी तक मुंबई के 26/11 हमले के दोषी, जो पाकिस्तान में पनाह लिए बैठे हैं, उनके खिलाफ 14 वर्षों बाद भी सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी।
इन परिस्थितियों में सोशल मीडिया का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य साबित होता जा रहा है। नि:संदेह पिछले दिनों एक धर्म विशेष के खिलाफ हुई टिप्पणी के बाद जिस प्रकार हिंसक प्रदर्शन व दंगे हुए, उसके पीछे भी बड़ा कारण सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो हैं। उक्त घटनाक्रम यह दर्शाते हैं कि संचार क्रांति का दुरुपयोग जहां सभी देशों के लिए विकट समस्या है वहीं बड़ी चुनौती भी है। कुछ वेबसाइट्स व एप्लीकेशन्स को सरकार ने बैन जरूर किया है लेकिन तकीनकी तौर पर सोशल मीडिया पर नियंत्रण रखने के लिए कोई अविष्कार नहीं हो सका।
फिर भी वैज्ञानिकों को समस्या के समाधान के लिए प्रयास करने होंगे। सरकारों के साथ धार्मिक व सामाजिक संगठनों और संस्थाओं को एकजुटर होकर समाज में सद्भावना को मजबूत करना होगा। इसके साथ ही यह भी व्यवस्था की जानी चाहिए कि भले ही कोई अपराधी किसी भी देश में बैठा हो उसके खिलाफ शीघ्र कठोर कार्रवाई करने के लिए अंतर्राष्टÑीय स्तर पर मजबूत ढांचा बनाना चाहिए। वास्तव में सोशल मीडिया वही होता है जिसमें सामाजिक प्रगति का चिंतन हो। देश सबका है व कानून के सामने सब बराबर हैं। कानून की उल्लंघना करने वालों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई होनी चाहिए।
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