भटिंडा (अशोक वर्मा)। बुधवार को नगर निगम भटिंडा द्वारा शहर के गंदे पानी की निकाली के लिए बनाए सलैज कैरियर (गंदा नाला) में दरार पड़ने के कारण किसानों की ढाई से तीन सौ एकड़ नरमें व धान की फसल जलमग्न होगई। यह पहली बार नहीं हुआ कि बारिश होने के कारण यह नाला टूटा हो। इससे पहले भी यह पांच बार टूट चुका है। नाले में करीब 30 से 35 फीट आई दरार ने गांव गहरी भागी के दो दर्जन किसानों को प्रभावित किया है।
जानकारी मुताबिक दरार आज सुबह करीब 3 बजे पड़ी, जिसका पता चलने पर गांव वासी व किसान मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। इस दौरान नगर निगम के एक्सीयन दविन्द्र जौड़ा, संदीप गुप्ता व एक्सईएन रविन्द्र सिंगला भी मजदूर लेकर दरार वाली जगह पर पहुंचे, जिन्होंने पत्रकारों को इस बारे में कोई भी टिपणी करने से इंकार कर दिया। दरार को भरने में काफी मशकत करनी पड़ी।
पास ही रेलवे लाईन होने के कारण मिट्टी दूर से लानी पड़ी, जिस कारण दरार भरने में देरी हुई। पता चला है कि सलैज कैरियर टूटने के बाद पंपिंग स्टेशन भी बंद करना पड़ा, जिस कारण शहर के पानी की निकासी प्रभावित हुई। गांव गहरी भागी के किसान गुरमीत सिंह ने बताया कि वह तीन भाई हैं और उनकी करीब 35 एकड़ धान की फसल गंदे पानी की चपेट में आ गई है।
किसान हरदेव सिंह की 4 एकड़ नरमें की फसल में पानी भर गया है। उक्त किसानों ने नगर निगम से मुआवजे की मांग की है। किसान गुरांदित्ता सिंह व शेर सिंह ने कहा कि पहले भी फसल का नुक्सान हुआ था, लेकिन अभी तक मुआवजा नहीं मिला। किसान गुरप्रीत सिंह व गुरसेवक सिंह ने 16 एकड़ जमीन ठेके पर लेकर धान की बिजाई की थी, जो कि गंदे पानी से भर गई। इसी तरह किसान गुरतेज सिंह, गुरबचन सिंह व दरबारा सिंह ने भी अपनी फसल में पानी भरने का दुखड़ा रोया। किसानों का प्रतिक्रम था कि उन्हें नगम निगम की लापरवाही की सजा भुगतनी पड़ रही है।
नुक्सान का मुआवजा दे दिया जाएगा: कमीश्नर
नगर निगम भटिंडा के कमीश्नर संयम अग्रवाल ने कहा कि सलैज कैरियर में पड़ी दरार को भर दिया गया है। फसलों संबंधी अध्यन करवा कर खराब फसलों का मुआवजा दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दरार पड़ने के कारणों की जांच की जा रही है।
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