बर्फबारी के बीच ट्रेनिंग पर डटे सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर के जांबाज

Six sigma healthcare stalwarts sachkahoon

सीडीएस जनरल बिपिन रावत के आदेश पर हो रही विशेष माउंटेन सर्वाइवल ट्रेनिंग

सच कहूँ/संजय मेहरा, गुरुग्राम। सिविलियन को आर्मी ट्रेनिंग देकर उन्हें जनसेवा को प्रशिक्षित किया जाना अपने आप में ऐतिहासिक कार्य है। पहले ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि एक सिविलियन व्यक्ति आर्मी की ट्रेनिंग ले। इसके लिए ऐतिहासिक निर्णय लिया चीफ ऑफ डिफेंस आर्मी स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने। उनके निर्णय से ही आज गुलमर्ग की बर्फीली हवाओं और शून्य से काफी कम नीचे जा चुके पारे के बीच सिक्स सिग्मा के सदस्य ट्रेनिंग ले रहे हैं।

सेना के बेस्ट हाई ऐल्टिटूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग में संस्था का हर सदस्य एक सैनिक की तरह पूरे जोश, जज्बे के साथ ट्रेनिंग ले रहा है। सिक्स सिग्मा हेल्थ केयरके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डा. प्रदीप भारद्वाज कहते हैं कि देश के लिए जोखिम भरे काम करना सिक्स सिग्मा हेल्थ केयरकी आदत में शुमार है। सेना व सिक्स सिग्मा के गौरवशाली परंपरा को निभाते हुए माइनस 8 डिग्री तापमान, 10 फीट बर्फ, हर पल मौत के साए में रहकर दूसरों को जिंदगी बचाना संस्था के सदस्य सीख रहे हैं। सिक्स सिग्मा माउंटेन रेसक्यू दल रस्सी और सीढ़ी के सहारे लोगों को बचाने में महारथ हासिल कर रहा है।

प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य क्षमता का विकास

डॉ. प्रदीप भारद्वाज ने हाई ऑल्टीट्यूड ट्रेनिंग के विषय में बताया कि दुनिया के सबसे ऊंचे इंडियन आर्मी हाई ऑल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग में मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण दिलवाने का मुख्य उद्देश्य उनमें क्षमता का विकास कराना है। जिससे वे पर्वतीय क्षेत्रों की कठिन परिस्तिथियों और वातावरण में होने वाले परिवर्तन से अवगत होकर सुचारू रूप से मेडिकल सेवाओं को दे सकें। गुलमर्ग में यह ट्रेनिंग 15 दिनों तक चलेगी व उसके पश्चात सभी प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएंगे।

बर्फ से बने घर में रहकर लेंगे सर्वाइवल ट्रेनिंग

डॉ. भारद्वाज ने बताया कि इस ट्रेनिंग कोर्स में वॉलंटियर्स को सर्वाइवल ट्रेनिंग इन माउंटेन का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसमें एक ट्रेनी को इग्लो (बर्फ से बना घर) में रहना पड़ता है। जहां उसका खाना-पीना सब बर्फ में ही बनता है और इसी में रहना पड़ता है। इसके अलावा प्रशिक्षु को बर्फ से ढकी ऊंची पर्वत चोटियों पर स्कीइंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं, हिमस्खलन के दौरान लोगों को त्वरित सहायता पहुंचाने के लिए रेस्क्यू के विभिन्न आयामों के साथ साथ लोगों को बचाने और उनके लिए अस्थाई शेल्टर के निर्माण और उन्हें दी जाने वाली मेडिकल सहायता के बारे में विस्तार से बताया जाएगा।

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