हाई ब्लड प्रेशर: लंबे समय तक बैठने से शरीर के कई अंगों को नुक्सान हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है। बिल्कुल नहीं या बहुत कम बैठने वाले लोगों की तुलना में लंबे समय तक बैठने वालों को इन बीमारियों के होने की दोगुनी आशंका होती है।
हार्ट और लंग्स की बीमारी का खतरा: ज्यादा देर तक बैठ कर काम करना महंगा पढ़ सकता है। ज्यादा देर तक काम करने से आपके लंग्स और शरीर के बाकी अंग में खून का बहाव कम हो जाता है। इससे आपके लंग्स में खून के थक्के जमने के चांसेज बढ़ जाते हैं। इसका बुरा असर आपके दिल पर भी पड़ता है। ज्यादा बैठ कर काम करने से हार्ट प्रॉब्लम होने के चांसेज अधिक होते हैं।
आंतों के कैंसर का खतरा: स्टडी के मुताबिक लंबे समय तक बैठे रहने से कोलोन यानी आंतों का कैंसर भी बढ़ता है। इतना ही नहीं, किन्हीं कारणों से ब्रेस्ट और एन्डोमेट्रीअल कैंसर होने का भी खतरा बना रहता है।
मांसपेशियों में कमजोरी: अक्सर लंबे समय तक बैठे रहने से पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। कूल्हे और पैरों की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके।
गठिया: लंबे समय तक बैठे रहने से लोगों का वजन भी बढ़ता है और इसके परिणामस्वरूप कूल्हे और इसके नीचे के अंगों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर के कम एक्टिव होने के कारण ही आॅस्टियोपोरोसिस यानी गठिया जैसी बीमारियां आम होती जा रही हैं।
दिमाग पर असर: लंबे समय तक बैठे रहने से दिमाग भी प्रभावित होता है। इसके काम करने की क्षमता पर असर होता है और काफी स्लो हो जाता है। मांसपेशियों के एक्टिव होने से दिमाग में खून और आॅक्सीजन पर्याप्त मात्रा में पहुंचती है, जिससे दिमाग में ऐसे केमिकल बनते हैं जो उसे एक्टिव बनाते हैं। लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो यह दिमाग के लिए खतरनाक हो सकता है।
बैड पॉश्चर सिंड्रोम: लगातार बैठे रहने से कमर पर बहुत ज्यादा प्रेशर पड़ता है। अगर आप लंबे समय तक बैठकर लैपटॉप या कंप्यूटर पर काम करते हैं तो बैड पॉश्चर सिंड्रोम के शिकार हो सकते हैं।
डायबिटीज का खतरा: डायबिटीज का एक मुख्य कारण सुस्त लाइफस्टाइल भी है। नॉर्वेगियन यूनिवर्सिटी आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के मुताबिक, लंबे समय तक बैठे रहने और सुस्त लाइफस्टाइल फॉलो करने वालों को डायबिटीज का खतरा अधिक रहता है।
जोड़ों में तकलीफ: ज्यादा देर तक बैठने से हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि बैठने से खून का प्रवाह कम होने लगता है। इस कारण लंबे समय तक बैठे रहने से बांहों पर भी बुरा असर पड़ता है। लगातार चलते-फिरते रहने वालों की तुलना में बैठ कर काम करने वाले ज्यादा बीमार होते हैं। इस तकलीफ से बचने के लिए आपको हर घंटे थोड़ा चलना चाहिए, जिसके कारण आपके हाथ-पैर स्वस्थ रहेंगे।
वजन बढ़ना: लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से वजन तेजी से बढ़ता है।
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