Agricultural University, Jobner: कुलपति डा. बलराज सिंह के कार्यकाल में श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर ने लगाई लंबी छलांग

Agricultural University Jobner
Agricultural University, Jobner: कुलपति डा. बलराज सिंह के कार्यकाल में श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर ने लगाई लंबी छलांग

जयपुर (सच कहूं/गुरजंट सिंह धालीवाल)। श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर (Shri Karan Narendra Agricultural University, Jobner) के डॉ. बलराज सिंह के कुलपति के रूप में 2 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण करने पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया । साथ ही उन्होंने भावी वर्ष की कार्य योजना का रोड मैप प्रस्तुत किया। डॉ. बलराज सिंह ने बताया कि कुलपति बनने के तुरंत बाद उन्होंने सबके लिए एक ही लक्ष्य रखा कि हर छात्र एवं किसान का चहुमुखी विकास हो। उन्होंने कहा-विश्वविद्यालय में अक्टूबर 2022 में कुलपति के पद पर कार्यभार संभालते ही जो सतत प्रयास किये वे अब प्रतिफलित हो रहे हैं। इन्हीं प्रयासो का ही नतीजा है कि दो वर्ष में ही प्रदेश में जोबनेर कृषि विश्वविद्यालय ने सबसे निचली पायदान से सबसे शीर्ष पर पहुंच बनाई है। Agricultural University, Jobner

बुनियादी ढांचा विकास

डॉ. बलराज सिंह ने नए आठों कृषि महाविद्यालयों एवं अरनिया कृषि विज्ञान केंद्र के भवनों का निर्माण कार्य पूरा करवा दिया, जबकि अनुसंधान फार्म का विकास मिशन मोड़ पर है। इसके अलावा पुराने जीर्ण भवनों, छात्रावासों, स्टाफ क्वार्टरों और अनुसंधान केंद्रों का नवीनीकरण किया गया। साथ ही सीड टेक्नोलॉजी लैब और “फसल परीक्षण केंद्र” की स्थापना की गई। वहीं, यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज में स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक पुस्तकालय और शुद्ध जल हेतु जल पुनर्चक्रण प्लांट जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य करवाये हैं। Agricultural University, Jobner

अनुसंधान और नवाचार

डॉ. बलराज सिंह ने इस दो वर्ष के अल्प कार्यकाल में न केवल इफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया बल्कि अनुसंधान व नवाचार के क्षेत्र में भी अनेकानेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आपके इस कार्यकाल में गेहूं, जौ, तिलहन और दलहन फसलों पर अनुसंधान को जलवायु परिवर्तन और पोषण की चुनौतियों के अनुरूप ढाला गया।

वर्ष 2023- 24 में 4.5 हजार क्विंटल बीज उत्पादन को 9.7 हजार क्विंटल तक पहुंचा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया और वर्ष 2024-25 के लिए 12 हजार क्विंटल का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही ड्रोन पायलट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की शुरुआत से कृषि में तकनीकी विकास को बढ़ावा मिला। यही नहीं, सिंह के ही इस दौर में दुर्गापुरा में बागवानी महाविद्यालय और फतेहपुर में स्नातकोत्तर कृषि स्थापित किए गए। टिशू कल्चर लेब के लिए लगभग 30 करोड़ के प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ ही एक अंतराष्ट्रीय व 11 नए प्रोजेक्ट की स्वीकृति भी मिली। कुलपति के सराहनीय प्रयास के बदौलत विश्वविद्यालय को 5 नए पेटेंट मिले।

अनुसंधान के उत्कृष्ट परिणाम | Agricultural University, Jobner

जोबनेर विश्वविद्यालय की मूंगफली की दो नई किस्में- फॠ 575-1 और फॠ 648 चिन्हित की गई हैं, जो उच्च प्रोटीन, तेल की मात्रा और उपज में अन्य किस्मों से बेहतर हैं। इसी विश्वविद्यालय में तैयार सौंफ की आर एफ 290 किस्म इसी वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम पर समर्पित की। इसी साल ही ग्वार की दो नई किस्मेंझ्र करण ग्वार-14 (2023) और करण ग्वार-15 (2024)- को सेंट्रल वेरायटी रिलीज कमेटी द्वारा अधिसूचित किया गया है।

छात्रों के विकास में योगदान

डॉ. बलराज सिंह के सदप्रयासों का ही प्रतिफल है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ड्रोन तकनीक का समावेश: छात्रों के कौशल विकास के लिए ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। 29 छात्रों और 15 फैकल्टी सदस्यों को विभिन्न देशों में प्रशिक्षण का अवसर प्रदान किया गया।

कृषि प्रसार में योगदान

15,000 से अधिक किसानों ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय किसान मेला में भाग लिया, जिससे उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों की जानकारी मिली। सौर ऊर्जा, जल बचत और मशरूम उत्पादन इकाइयों को बढ़ावा दिया गया। 15 से अधिक युवा किसानों को कृषि उद्यमी के रूप में तैयार किया गया, और कई किसानों को राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

पुरस्कार और मान्यता

एक दौर ऐसा भी था जब यह विश्वविद्यालय सबसे निचले स्थान पर था और बलराज सिंह के महज एक वर्ष में किए गए प्रयासों से वर्ष- 2023 में इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया। अगर पुरस्कारों की श्रृंखला पर चर्चा करें तो इसी दौर में चारा विकास में विश्वविद्यालय को उत्कृष्टता का पुरस्कार प्रदान किया गया।

बात शैक्षणिक उपलब्धियों की करें तो सी.यू.इ.टी परीक्षा में छात्रा निधि बिश्नोई ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया। छात्र हेमंत पारीक ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) परीक्षा में सफलता हासिल की। कुलपति द्धारा स्वयं निरंतर कक्षाओं में अध्यापन करवाने के परिणामस्वरूप तीन विद्यार्थियों ने टॉप 10 में जेआरएफ रैंक प्राप्त की और आईएआरआई में दाखिला लिया। इसके साथ ही पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय में लगभग 25 विद्यार्थियों ने जेआरएफ के माध्यम से देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश लिया।

कुलपति महोदय द्वारा स्नातक, स्नातकोत्तर एवं विद्यावाचस्पति (ढँ.ऊ.) की नियमित कक्षाएं लेना अपने आप में एक अद्भुत और अनुकरणीय पहल है। यह न केवल उनकी शैक्षिक प्रतिबद्धता और विद्यार्थियों के प्रति समर्पण को दर्शाता है, बल्कि विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास है। इसके अलावा राज्यपाल द्वारा गोद लिए गांव में कृषि नवाचारों के साथ-साथ स्वच्छता और श्रमदान को बढ़ावा देने का कार्य किया गया। गांव में किए गए नवाचारों और विकास कार्यों के लिए विश्वविद्यालय को राज्यपाल द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

ऑनलाइन रिसर्च सर्चिंग में प्रथम

भारतीय कृषिअनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा आयोजित जे गेट डिस्कवरी प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन रिसर्च सर्चिंग में कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर को प्रथम रैंक प्राप्त हुई। वर्ष 2023-24 में विश्वविद्यालय के दो कृषि महाविद्यालय फतेहपुर व भरतपुर को आईसीआर द्वारा मान्यता प्राप्त की गई।

शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक स्टाफ की भर्ती और पदोन्नति

लंबे समय से विश्वविद्यालयों में स्टाफ की कमी एक बड़ी समस्या थी। इस समस्या को प्राथमिकता देते हुए 96 शैक्षणिक और 180 गैर-शैक्षणिक स्टाफ की पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से सफलतापूर्वक भर्ती की गई। गैर शैक्षणिक स्टाफ के लिए परीक्षा आयोजित करने में विश्वविद्यालय प्रशासन ने नकल रोकने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तीन स्तरीय फ्लाइंग स्क्वाड का गठन किया।

सीधी भर्ती के साथ ही 2020 से लंबित चल रहे केरियर एडवांसमेंट स्कीम के अंतर्गत प्रोफेसर और वरिष्ट सहायक प्रोफेसर पदों पर पदोन्नति कर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता को सुदृढ़ किया है। कुलपति डॉ. बलराज सिंह के नेतृत्व में कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव सोहनराम चौधरी ने कुलपति की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार का बेहतरीन कार्य एक नई सोच को दर्शाता है एवं अच्छा नेतृत्व ही संस्थान को ऊंचाइयों पर ले जाता हैं। कार्यक्रम के अंत में प्रसार निदेशक डॉ एनके गुप्ता ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय जोबनेर के अधिष्ठाता डॉ एमआर चौधरी व डॉ एसके खंडेलवाल सहित विश्वविद्यालय की 59 इकाइयों के 86 कृषि वैज्ञानिकों व अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान कुलपति के दो साल के कार्यकाल पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी किया गया।

Kisan Special Train Launches: रेल मंत्री ने किया ‘शेतकरी समृद्धि’ विशेष किसान रेलगाड़ी क…