शिमला (एजेंसी)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) (CPI) ने शिमला नगर निगम द्वारा बिजली बिलों पर अधिभार दुगुना कर लोगों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालने जैसे जनविरोधी फैसले का विरोध किया है।
माकपा (CPI) के शिमला शहरी सचिव बलबीर पराशर ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के राज्य में सत्ता में आने के बाद से इस पार्टी द्वारा शासित नगर निगम लगातार जनविरोधी फैसले ले रहा है। उन्होंने दावा किया कि न तो राज्य सरकार और न ही नगर निगम ने शिमला के विकास के लिए कोई भी योजना नहीं बनाई है।
केवल निगम का घाटा पूरा करने के लिये लोगों की जेबो पर डाका डाला जा रहा है। पराशर ने कहा कि निगम ने पहले घर-घर कूड़ा एकत्रित करने की दरों में वृद्धि की और उसके बाद पांच वार्डों में सफाई और घर-घर कूड़ा एकत्रित करने का काम ठेके पर दे दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अब घर-घर कूड़ा एकत्रित करने वाले कर्मियों को तंग किया जा रहा है और उनके वेतन में कटौती की जा रही है।
शहर में पानी की लिफ्टिंग, भंडारण और वितरण के काम को ठेके पर देने के प्रयास किए जा रहे हैं। निगम ने पहले ही पानी की दरों मे बेतहाशा वृद्धि कर दी है तथा निजी हाथों में जाने के बाद पानी कीमतों में और वृद्धि हो जाएगी।
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