सीएमजीजीए कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारियों को करवाया अवगत
सच कहूँ/सुनील वर्मा सरसा। कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण समय में सरकारी स्कूलों के बच्चों की शिक्षा में बाधा बन रहे एंड्रॉयड मोबाइल की कमी का दूर करने की विभाग ने योजना तैयार कर ली है। अब ‘शिक्षा मित्र’ कॉन्सेप्ट से सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को अध्यापकों से जोड़ा जाएगा। ताकि सरकारी स्कूल के विद्यार्थी भी ऑनलाइन पढ़ाई सुचारू रख सकें। शिक्षा मित्र बच्चे के माता-पिता, भाई-बहन, पड़ोसी व रिश्तेदार आदि कोई भी हो सकता है। वीरवार को सीएमजीजीए कार्यक्रम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. राकेश गुप्ता ने हरियाणा के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘शिक्षा मित्र’ कॉन्सेप्ट के बारे में विस्तार से अवगत करवाया। वीडियो कॉन्फ्रेंस में सरसा में नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुशासन सहायिका सुकन्या जनार्दन, जिला शिक्षा अधिकारी संत कुमार बिश्नोई, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी आत्मप्रकाश मेहरा, समग्र शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक पवन सुथार, जिला विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. मुकेश कुमार, जिला गणित विशेषज्ञ नीरज पाहुजा व सभी खंडों के खंड शिक्षा अधिकारी शामिल हुए।
छात्रों को शिक्षक से कनेक्ट करेंगे शिक्षा मित्र
दरअसल कोविड-19 रोकथाम के लिए जब देश भर में लॉकडाउन लागू किया गया तो तब से प्रदेश के सभी सरकारी व निजी स्कूल बंद पड़े है। लेकिन अपै्रल-मई में सरकार ने स्कूली शिक्षा को ऑनलाइन करने का प्रावधान शुरू किया तथा तब से बच्चों की ऑनलाइन क्लासिस शुरू हो गई थी। लेकिन मुश्किल यह है कि सरकारी स्कूलों के अधिकांश अभिभावकों के पास एंड्रायड मोबाइल ही नहीं है, जिससे गरीब विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित रह रहे हैं। इसी परेशानी को दूर करने के लिए अब सरकार शिक्षा मित्र कॉन्सेप्ट लेकर आई है। शिक्षा मित्र वह व्यक्ति होगा, जिसके पास खुद का स्मार्टफोन होगा। इसका मुख्य उद्देश्य मोबाइल के माध्यम से छात्रों को शिक्षक से जोड़ना है तथा शिक्षक द्वारा निर्धारित एक्टिविटीज को छात्रों से पूरी करवाना है। शिक्षा मित्र उन्हें बनाया जाएगा, जिनके पास खुद का इंटरनेट सक्षम मोबाइल होगा और जो नियमित रूप से छात्र के संपर्क में रहता है। इसके अलावा शिक्षा मित्र के लिए यह भी ध्यान रखा जाएगा कि वह विद्यार्थी को समय दे पाता है या नहीं। जो विद्यार्थी को समय देगा,उसे ही शिक्षा मित्र बनाया जाएगा।
इन पर भी हुआ मंथन
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि हर महीने शिक्षा विभाग के अधिकारियों की एक रिव्यू मीटिंग होगी। जिसमें महीने भर में हुई गतिविधियों पर मंथन किया जाएगा। इसके अलावा चैम्पियन ऑफ़ दा विक यानि सप्ताह का स्टार अध्यापक, स्टार विद्यार्थी का चयन किया जाएगा। एक साथ जिलेभर में ऑनलाइन अध्यापक-अभिभावक बैठक का आयोजन करने बारे में भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा स्कूलों में बनाए जाने वाले परिवार पहचान पत्र, घर से पढ़ाओं अभियान, दीक्षा पोर्टल, सुपर-100, दक्षणा फाउंडेशन सहित विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सितंबर में प्राइमरी स्कूलों की विभिन्न विषयों की एक साथ क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन करने बारे में निर्णय लिया गया। 23 व 24 अगस्त को होने वाली सुपर-100 परीक्षा के लिए स्कूलों में एक-एक नोडल ऑफिसर बनाया गया है तथा इनका एक व्हॉटशप ग्रुप भी बनाया गया है। जिसमें विद्यार्थियों को परीक्षा संबंधी जानकारी समय-समय पर दी जाएगी। बैठक में कोरोना महामारी के चलते सोशल डिस्टेंस का विशेष ध्यान रखा गया।
‘‘कोरोना महामारी के चलते सरकारी स्कूलों में करवाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई में विद्यार्थियों के पास एंड्रायड मोबाइल न होने के कारण दिक्कत आ रही है। जिसके चलते अब शिक्षा विभाग ने इस परेशानी से पार पाने के लिए शिक्षा मित्र का सहारा लिया है। शिक्षा मित्र विद्यार्थियों को अध्यापकों के साथ जोड़ने का काम करेंगे। जिससे अध्यापकों द्वारा जो पढ़ाई करवाई जाएगी, वह बच्चों तक पहुंचेगी और विद्यार्थी पढ़ाई में पिछड़ेंगे नहीं।
संत कुमार, जिला शिक्षा अधिकारी, सरसा।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।