बेटी व पुत्रवधुओं ने दिया अर्थी को कंधा
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। सरसा ब्लॉक की 76 वर्षीय शीला रानी पत्नी देसराज इन्सां निवासी डॉक्टर बेनीवाल वाली गली, शाह सतनाम जी मार्ग,सरसा बुधवार को अपनी श्वास रुपी पूंजी खर्च कर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजी। इस दौरान परिजनों ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन शिक्षा पर चलते हुए उनकी अंतिम इच्छानुसार उनका पार्थिव शरीर वीरवार को नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर को शोध कार्यो हेतू दान कर दिया।
सरसा ब्लॉक के जिम्मेवार प्रेम गांधी इन्सां ने बताया कि शीला इन्सां डेरा सच्चा सौदा की श्रद्धालु थी और उन्होंने पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणा पर चलते हुए जीते जी मरणोंपरांत देहदान का लिखित में संकल्प लिया हुआ था। इसी के तहत उनका पार्थिव शरीर चिकित्सा शोध कार्यो के लिए नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल एंड रिसर्च सेंटर आगरा भेजा गया। मृत देह को मेडीकल रिसर्च के लिए रवाना करने से पूर्व फूलों से सजी गाड़ी में रखा गया। तदोंपरांत विनती का शब्द बोलकर शरीरदानी शीला रानी इन्सां की अंतिम यात्रा घर से रवाना हुई। अंतिम यात्रा घर से चलकर शहर की विभिन्न गलियों व शाह सतनाम जी मार्ग से होते हुए आगरा के लिए रवाना हुई।
अंतिम यात्रा में समूह साध-संगत व ब्लाक के सेवादारों ने शरीरदानी शीला इन्सां अमर रहे -अमर रहे के नारे भी लगाए। वहीं इस दौरान डेरा सच्चा सौदा की बेटा-बेटी एक सम्मान मुहिम के तहत शरीरदानी की पुत्रवधु संगीता, रीटा, पुत्री नीलम, पौत्र आंचल ने अर्थी को कंधा दिया। इस अवसर पर सचखंडवासी का पुत्र गुलशन, मोहन, पौत्र अंशुल, चाहत, लविश, राकेश बजाज, संदीप चुघ, सुरेश मोंगा, मुकेश मोंगा, मंगत मित्तल, नरेश कोचर, सुनीता इन्सां, मीनू नागपाल सहित काफी सख्यां में डेरा अनुयायी व उनके रिश्तेदार तथा सगे संबंधी मौजूद थे।