जाखल (तरसेम सिंह)। ‘मंजिल तो तेरी यहीं थी, इतनी देर लगा दी आते-आते, क्या मिला तुझे जिंदगी से, अपनों ने ही जला दिया जाते-जाते।’ श्मशान घाट के बाहर यह वाक्य लिखा मिल जाता है। लेकिन जाखल ब्लाक के अंतर्गत कुछ ऐसे दानवीर भी हैं जिन्होंने अपने जीते जी अपना शरीर ही दूसरों के लिए दान कर दिया। इनमें से पूज्य पिता संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी की पावन प्रेरणा से अकेले ब्लॉक जाखल से ही दर्जनों लोग मरणोपरांत शरीर दान कर चुके हैं। जबकि गांव शक्करपुरा से वीरवार को पहला देहदान प्रेमी शनकू राम इन्सां का हुआ है।
डेरा सच्चा सौदा की पावन प्रेरणा के अनुसार ब्लॉक जाखल के गांव शक्करपुरा निवासी शनकू राम इन्सां की मृत्यु के बाद उनकी इच्छानुसार मरणोपरांत उनके पुत्र चावला इन्सां, तोता इन्सां पौत्र रोहित इन्सां, अनमोल ने उनका पार्थिव शरीर मेडिकल रिसर्च हेतु दान कर दिया। यह गांव शक्करपुरा से पहला शरीरदान हुआ है। जिसको उत्तर प्रदेश क्षेत्र शामली के एक मेडिकल इंस्टिट्यूट में धन सतगुरु तेरा ही आसरा नारे के साथ साथ जब तक सूरज चांद रहेगा प्रेमी शनकू राम इन्सां तेरा नाम रहेगा नारों के साथ फूलों से सजी एंबुलेंस को अंतिम विदाई दी। इतना ही नही पूज्य पिता संत गुरमीत राम रहीम सिंह जी की पावन नहीं बेटा बेटी एक समान के तहत प्रेमी शंनकू राम इन्सां की पुत्री इशरी देवी, लाजी बाई, कैलाश बाई व पौत्री मनीषा देवी ने उनकी अर्थी को कंधा भी दिया।
जानकारी देते हुए गांव 15 मेंबर संदीप कुमार लाडी इन्सां, सतपाल इन्सां, प्रेमी सेवक सुरेश शर्मा, जसपाल इन्सां, अशोक कंबोज, फौजा सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि प्रेमी जोगिंद्र सिंह इन्सां पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। और इसी बीच वह अपने परिवार को सदा सदा के लिए बिछोड़ा देते हुए मालिक के चरणो में विलीन हो गए। उन्होंने परम पिता शाह सतनाम जी से नाम के अनमोल दात ली हुई थी। वही प्रेमी जी डेरा की ओर से चलाए गए 167 मानवता भलाई कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे उन्होंने हजूर पिता जी की पावन प्रेरणा से मरणोपरांत अपने शरीर दान करने का प्रण लिया हुआ था जिस पर फूल चढ़ाते हुए उनके शरीर त्याग करने के पश्चात शरीर दान के लिए डेरा प्रेमियों से आग्रह किया। तत्पश्चात 85 मेंबर हरदेव कुमार गोयल, ब्लॉक प्रेमी सेवक राजेन्द्र कुमार इन्सां ने डेरा सच्चा सौदा से संपर्क कर उनके शरीर दान करने की व्यवस्था की। प्रेमी शनकू इन्सां के पार्थिव शरीर को फूलों से सजी एंबुलेंस में रखकर पहले गांव में शव यात्रा निकाली गई जिसमें धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा के नारे लगाए गए। उसके बाद टोहाना- जाखल मार्ग पर सैकड़ों लोगों ने उन्हें भावभीनी विदाई देते हुए मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च के लिए दान हेतू यूपी के लिए रवाना कर दिया गया। इस अवसर पर अरतीस कुमार इन्सां, शिव कुमार इन्सां, जनटा इन्सां, निर्मल इन्सां, तरसेम, विजय, कूड़ा राम, बलराज कंबोज, कश्मीर इन्सां, बलदेव सिंह इन्सां, अमर इन्सां, प्रीतम सिंह इन्सां, विनोद कुमार इत्यादि सहित भारी संख्या में रिश्तेदार एवं गणमान्य लोगों ने भाग लिया।