सलाबतपुरा (सच कहूँ न्यूज)। पिता जी के वचन है कि ‘बेटा आप दीन दुखियों की मदद करते हो तो आपके मौत जैसे भयानक कर्म भी मिश्री के दाने में बदल जाते हैं।’ 21/08/2022 को मुझे दीन दुखियों की मदद करने का मौका मिला। 22 तारीख को मुझे मिश्री का प्रसाद भेजा गया तो शाम का समय था शायद 3 साढ़े 3 बजे का, पापा जी घर में रेस्ट कर रहे थे। मैं दुकान का कारोबार संभाल रहा था। अचानक मेरी मम्मी ने आवाज लगाई, बबली…जल्दी आ, तेरे पापा को अचानक पता नहीं क्या हो गया? तो मैं दुकान का काम छोड़कर पापा के पास गया। तो पूरा परिवार इकट्ठा हो गया था। मैंने देखा की पापा को बिलकुल भी स्वांस नहीं आ रहे थे। सगे सबंधियों ने कहा की उन्हें डॉक्टर के पास लेकर चलते हैं। तो मैंने कहा कि एक मिनट रुको मैं एक बार अपनी फैमिली का डॉक्टर बुला लेता हूँ। मैंने तुरंत अपने फैमिली डॉक्टर को फोन किया तो वह तुरंत ही मौके पर आ गए।
डॉक्टर ने मेरे पापा की छाती को बहुत ही जोर के साथ दबाया। इस दौरान 10-15 मिनट निकल गए थे। पापा जी जिनकी जुबान बिल्कुल ही बंद हो गई थी, आखें एक जगह रुक गई थी। और हाथ-पैर भी नीले हो गए थे। मुझे लगा की पापा ने मेरी तरफ इशार किया की बस अब नहीं। मैंने अपनी पत्नी को बोला कि आप वो मिश्री वाला प्रसाद लेकर आओ। फिर मैंने एक मिश्री का दाना पापा के मुहँ में डाल दिया। जैसे ही मिश्री का प्रसाद पापा के शरीर में गया पापा ने आंखे खोल ली और पापा के शरीर में हलचल होने लगी। तो मैंने उसी समय जोर से नारा लगाया। और फिर डॉक्टर ने दोबारा पापा का चैकअप किया तो सबकुछ सामान्य था।
आइयें सुनते है करिश्मा…
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Nice news paper
Dhan Dhan satguru Tera hi asra