48 से 50 डिग्री तापमान में भी राज्यों की साध-संगत कर रही सेवा
तारानगर (सच कहूँ/बुधराम वर्मा)। चूरू जिले में पड़ रही भीषण गर्मी में जहां लोग एयर कण्डिशन व कुलर के नीचे दुबके रहते है व घरों से बाहर जाने की सोच भी नहीं सकते, तो वहीं 48 से 50 डिग्री तापमान में डेरा सच्चा सौदा के सेवादार तारानगर की शाह सतनाम जी गर्ल्स स्कूल को नया रूप देने के लिये, स्कूल में चल रहे नव निर्माण कार्य के लिये अपनी सेवाऐं दे रहे है। राजस्थान के 45 मेम्बर आमरपाली इन्सां व गोपाल इन्सा ने बताया कि पिछले दिनों स्कूल में चिनाई का कार्य प्रारम्भ किया गया।
राजस्थान, पंजाब हरियाणा के सेवादारों अपने-अपने दल बनाकर अलग-अलग समय में सेवा कार्य करने का निर्णय लिया है। जो लोग घरों में पानी का गिलास अपने आप नहीं उठाते, जिनके घरों में नौकर काम करते है, जो उच्च पदों पर या बड़े व्यवसायी है। वो भी इस सेवा कार्यों में तसला, फावड़ा व निर्माण कार्य का मसाला बनाते हुए नजर आ रहे है। जब उनको पूछा गया कि आपको सेवा करने से क्या मिलता है तो सभी का एक स्वर में एक ही जवाब था कि यहां सेवा करने से हमें मन को सन्तोष मिलता है व एक अलग ही प्रकार की खुशी मिलती है, जिसको बयां नहीं कर सकते।
डेरा सच्चा सौदा सच था, सच है और सच ही रहेगा : सेवादार
सेवादारों का मनोयोग से स्कूल निर्माण में भूमिका को देखते हुए जब उनसे पुछा गया कि आप विशेष रूप से यहां क्यों आये है तो उनको कहना था कि डेरा सच्चा सौदा से जुड़ने पर जन कल्याण की भावना पैदा होती है और डेरा सच्चा सौदा है सच है इसलिये मन से उसे जुड़े हुए है । डेरा सच्चा सौदा सच था, है और रहेगा, चाहे दुनिया कुछ भी कहे लेकिन दुनियां को एक ना एक दिन डेरा सच्चा सौदा को मानना पड़ेगा, क्योंकि पुज्य गुरू संत डॉ गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें हमेंशा ही मानव सेवा का सन्देष दिया है व पाठ पढाया है ।
सेवा करने आए सेवादारों की जुबानी
मंैने सन् 1972 में डेरा सच्चा सौदा की दूसरी पातशाही पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज से नाम की दीक्षा प्राप्त की थी। पूजनीय शाह मस्ताना जी महाराज व पूजनीय परम पिता शाह सतनाम जी महाराज ने तीसरी बॉडी के बारे में जो वचन किये थे वो आज ज्यों के त्यों पूरे हो रहे हैं।
मैंने डेरा सच्चा सौदा में आज तक कुछ भी गलत नहीं देखा पूज्य गुरू जी व डेरा सच्चा सौदा सच था, सच है, और सच ही रहेगा। इसमें कोई शक नहीं है। यहां सेवा करने से बड़ी से बड़ी लाईलाज बीमारियां जड़ से समाप्त होती है व असीम शान्ति मिलती है, जो बाहर करोड़ों रुपए लगाकर भी हम नहीं खरीद सकते।
-दीपचन्द इन्सां, सेवादार तारानगर
डेरा सच्चा सौदा में जाते हुए हमें काफी साल हो गया है। हमने बेपरवाह शाह मस्ताना जी महाराज के वचन सुने थे कि तीसरी बॉडी में हम जब आयेगें तो बने बनाये मकान उतारेंगे वो वचन आज पूरे हो रहे है। इसी कड़ी में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने 17 नवम्बर 2011 को इसी स्कूल की नींव रखी थी, जो 33 हजार सक्वायर फिट कार्य को मात्र 74 घण्टों में पूर्ण कर दिया गया था, जिसमें 33 कमरे जिनकी चिनाई, प्लस्तर, दरवाजे, खिड़किया फर्श, लाईट व पानी फिटिंग सहित समस्त कार्य पूर्ण कर दिये गये थे। जो मैंने सबकुछ मेरी आंखों के सामने हुआ था। मुझे मेरे गुरू पर पूर्ण विश्वास है।
-राजवीर इन्सां, निदेशक चौधरी, कॉलेज, तारानगर।
मुझे डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हुए 20 साल हो गए हैं। मैं एक प्राथमिक शिक्षिका हूं, मुझे मेरे सतगुरू पर पूर्ण विश्वास है, इनके दर पर सेवा करने से हमें असीम शान्ति मिलती है। दुनियां में डेरा सच्चा सौदा ही एक ऐसी संस्था है, जहां बेटिया सुरक्षित है तथा बेटियां बेखौफ होकर घूम सकती है। मानवता की सेवा करना व सभी धर्मों का सतकार करना हमें हमारे गुरूजी ने ही सिखाया है।
-प्रोमिला इन्सां, गंगवा, (हिसार) हरियाणा।
मुझे डेरा सच्चा सौदा से जुड़े हुए 22 साल हो गए हैं। मैं सैकेण्ड ग्रेड अध्यापक हूं। पूज्य गुरू जी की बदौलत ही मेरा सरकारी सेवा में चयन हुआ है। मैं पूज्य गुरू जी को धन्यवाद देता हूं, जिनकी बदौलत हमें मानवता की सेवा करने का मौका मिल रहा है। हमारे गुरू जी ने हमें मानवता की सेवा करने की शिक्षा दी है। हमें हमारे गुरूजी पर पूर्ण विश्वास है।
-हरदीप सिंह, मुक्तसर, पंजाब।
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