गदराणा गांव में एक बार पूजनीय शाह मस्ताना जी महाराज सुबह बाहर घूमने जा रहे थे। रास्ते में पाठशाला जाते हुए कुछ छोटे-छोटे बच्चे मिल गए। वे नारा लगाते हुए आपजी के पास चले आए। उनके पास आने पर आप जी ने बच्चों को प्यार देते हुए पूछा, ‘‘तुम्हें छुट्टी कब मिलेगी?’’ उन्होंने बताया कि दस बजे रोटी खाने की छुट्टी मिलेगी। आप जी ने बच्चों को कहा, ‘‘उस समय आप स्कूल के सभी बच्चे आश्रम में आ जाना।’’ जब स्कूली बच्चे इक्ट्ठे होकर आश्रम सच्चा सौदा आनंदपुर धाम, गदराना में आप जी के पास आए तो शहनशाह जी सभी बच्चों को गांव की एक दुकान पर ले गए। उस दुकान से जितनी मिठाई मिली, खरीदकर बच्चों को खिला दी। दुकानदार से मिठाई की कीमत पूछी तो उसने 15 रूपये बताई। आप जी ने खुश होते हुए उसे 20 रूपये दे दिए।
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