सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनकर देश का नाम रोशन करने की चाहत रखता है मोहित
गूगल ने दी मान्यता
- मैसेज भेजने के बाद भी 24 घंटे तक किया जा सकेगा एडिट
भिवानी (इंद्रवेश)। 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले भिवानी के मोहित ने सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए ऐसा मोबाईल ऐप बनाया है, जिसमें भेजे जा चुके मैसेज को भी बदला जा सकता है।
यह सब सम्भव हो पाया है मोहित के नए स्काई मैसेंजर ऐप से। इन्स्टाग्राम, व्हाट्स ऐप की तर्ज पर बनाए गए इस ऐप में कई ऐसी खुबियां हैं, जो अन्य मैसेंजर ऐप को कड़ी टक्कर दे रही हैं। मात्र 17 वर्षीय मोहित ने छोटी उम्र में यह कमाल किया है।
मोहित का कहना है कि वह बचपन से ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की चाहत रखता है। उनके एक इंजीनियर पड़ोसी विनीत अरोड़ा ने जब कहा कि आप छोटी उम्र में कुछ करके दिखाओगे, तभी आप बड़े कहलाओगे। नवमीं कक्षा में पढ़ने के दौरान अपने पड़ोसी विनीत अरोड़ा से सुनी यह बात मोहित के दिमाग में इतना घर कर गई कि उसने स्काई मैसेंजर के नाम से मोबाईल ऐप बना डाला।
12वीं कक्षा में नॉन मैडिकल का छात्र मोहित ने बताया कि स्काई मैसेंजर बनाने के लिए उसने कम्प्यूटर लेंगवेज जावा, सी प्लस प्लस, ओरेक्ल आदि का अध्ययन किया। जिसके बाद उसे मार्च-2017 में सफलता हासिल हुई।
मोहित के मैसेंजर ऐप में होगा एडिट आॅप्शन
गूगल ने 17 मार्च 2017 को मोहित के सॉफ्टवेयर को आईएआरसी सर्टिफिकेट दिया। जिसके बाद गूगल प्ले स्टोर, अमेजन प्ले स्टोर सहित अन्य स्टोर से ये ऐप डाऊनलोड की सुविधा प्राप्त हो गई।
मोहित ने अपनी ऐप की खासियत बताते हुए कहा कि स्काई मैसेंजर पर उसने पांच हजार लोगों का गु्रप बनाने, असीमित फोटो भेजने की व्यवस्था, अढ़ाई जीबी तक वीडियो फाईल भेजने का विकल्प उपलब्ध करवाया है।
मोहित को विभिन्न देशों से स्काई मैसेंजर को लेकर मिल रहे रिस्पोंस से काफी उत्साह बढ़ा है। जर्मनी, यूनिाईडेट स्टेट, जापान, ब्राजी, बेल्जियम, स्पेन, जापान सहित दुनिया के 160 के लगभग देशों में स्काई मैसेंजर को डाउनलोड किया जा चुका है।
ऐप की खासियतें
मोहित की ऐप की खास बात यह भी है कि इसमें सीक्रेट चैट का आॅप्शन है, जिससे भेजे गए मैसेज को आगे फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता जिससे प्राईवेसी बनी रहती है। मोहित ने अपने ऐप में ही गेम अडॉप्मेंट का आॅप्शन दिया है, जिससे उनके द्वारा बनाए गए ऐप में गेम भी खेला जा सकता है।
सॉफ्टवेयर इंजीनिययर बनना चाहता है मोहित
मोहित का सपना है कि वह आईआईटी से इंजीनियरिंग करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियर बने, इसके लिए वह कड़ी मेहनत कर रहा है। मोहित के पिता अनिल यादव व माता सुशील देवी बताते हैं कि मोहित प्रतिदिन इंटरनेट पर तीन से चार घंटे बिताता है तथा विभिन्न कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर को अपने तरीके से विशलेषित करता रहता है।
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