डेरा सच्चा सौदा द्वारा पशुओं के कल्याण के लिए किए जा रहे हैं सात भलाई कार्य
सरसा (सच कहूँ टीम)। World Animal Day: सच्चे संत सदैव समस्त सृष्टि के कल्याण के लिए कार्य करते हैं। मनुष्य ही नहीं अपितु पशु पक्षी, पेड़ पौधे सभी की भलाई के बारे में सोचते हैं। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां दयालुता के सागर हैं। आपजी समस्त सृष्टि के कल्याण के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा के तीन नियमों में (मांसाहार न करना) भी शामिल है जो जीव जगत के लिए वरदान साबित हो रहा है। World Animal Day
डेरा सच्चा सौदा के तीन वचनों की पालना करते हुए देश विदेश में करोड़ों लोग मांसाहार का त्याग कर चुके हैं और जीवों पर दया कर रहे हैं, उनके कल्याण के लिए लगे हुए हैं। पूज्य गुरुजी द्वारा जीव जंतुओं के कल्याण के लिए अनेक कल्याणकारी पहल की गई है, जिनके सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। पूज्य गुरुजी के पावन मार्गदर्शन में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े करोड़ों लोग जीव जंतुआें की संभाल और रक्षा में लगे हुए हैं। जीव जंतुओं के कल्याण के लिए डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे भलाई कार्य इस प्रकार है।
4 अक्टूबर को मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय पशु दिवस | World Animal Day
दुनिया भर में 4 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय पशु दिवस मनाया जाता है। इस दिन पशुओं के अधिकारों और उनके कल्याण को लेकर आमजन को जागरूक किया जाता है। विश्व पशु दिवस के अवसर पर पशुओं की विभिन्न प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने और उनके संरक्षण को लेकर चर्चा की जाती है। पहली बार विश्व पशु दिवस का आयोजन हेनरिक जिमरमन ने 24 मार्च, 1925 को जर्मनी के बर्लिन में स्थित स्पोर्ट्स पैलेस में किया था। किंतु वर्ष 1929 से यह दिवस 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा।
अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस पर विशेष
- जीव सुरक्षा- आवारा व बीमार पशु पक्षियों का इलाज करना
पूज्य गुरुजी की इस मुहिम से जुड़कर डेरा के सेवादार बीमार व सड़क पर विचरने वाले बेसहारा पशुओं का इलाज और सेवा-संभाल के कार्य में लगे हैं। पूज्य गुरुजी की यह मुहिम कोरोना काल में बेसहारा पशुओं के लिए वरदान साबित हुई। डेरा सेवादारों ने पशुओं के लिए हरे चारे व पानी का प्रबंध किया। Sirsa News
बंद कत्लेआम- कानूनी कार्यवाही से बुचड़खाने बंद करवाना
इस मुहिम के तहत संगत उन बुचड़खानों को बंद करवाने के लिए कानूनी कार्यवाही करती है जहां मांसाहार के लिए पशुओं को काटा जाता है।
सेफ रोडस, सेफ लाइफ- इस मुहिम के तहत डेरा सच्चा सौदा के सेवादार सड़क पर गिरे हुए पेड़ों और मरे हुए जानवरों को हटाते हैं ताकि कोई दुर्घटना या हादसा न हो। पूज्य गुरुजी की इस मुहिम से जुड़कर सड़क हादसों के शिकार हुए जानवरों के शवों को डेरा सेवादार सड़क से हटाकर उन्हें गड्ढा खोदकर दफना देते हैं ताकि सड़क पर पड़े पशुओं के मृत शरीर व पेड़ पौधों के कारण कोई हादसे न हो।
बेसहारा पशुओं के सींगों पर रिफ्लैक्टर लगाना- पूज्य गुरुजी की यह मुहिम सड़क पर घूमने वाले बेसहारा गोवंश (गाय, सांड, बछड़े) इत्यादि के लिए वरदान साबित हुई है साथ ही सड़क हादसों में भी अंकुश लगाने में कारगर साबित हुई है। इस मुहिम के तहत सेवादार पशुओं के सींगों पर रिफ्लैक्टर लगाते हैं या गले में रेडियम पट्टी डालते हैं, जिससे रात्रि के समय वाहन की लाइट पड़ने पर पशु दूर से ही नजर आ जाते हैं और वाहन चालक संभल जाते हैं। इस मुहिम के तहत हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, यूपी सहित अन्य राज्यों में अब तक लाखों पशुओं के सींगों पर रिफ्लैक्टर लगाए जा चुके हैं तथा हर वर्ष धुंध के मौसम से पहले पशुओं के सींगों पर रिफ्लैक्टर लगाने व उनके गले में रिफ्लैक्टर पट्टी पहनाने का काम किया जाता है। World Animal Day
काऊ मिल्क पार्टी- पूज्य गुरुजी ने गऊ माता के सम्मान को बढ़ाने के लिए अनोखी पार्टी की शुरूआत की, जिसे काऊ मिल्क पार्टी का नाम दिया। इस मुहिम के तहत पार्टियों में गाय के दूध व उससे बने उत्पादों का इस्तेमाल करने का आह्वान किया गया। इस मुहिम से प्रभावित होकर डेरा अनुयायी काऊ मिल्क पार्टी का आयोजन करते हैं और दूध से बने उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।
संस्कृति कोर- पूज्य गुरुजी ने ‘संस्कृति कोर’ मुहिम चलाकर जीव जगत का कल्याण किया। इस मुहिम के तहत डेरा अनुयायी खाना खाने से पहले पशु पक्षियों व जीव जंतुओं के लिए रोटी निकालना नहीं भूलते ताकि पशु पक्षियों का पेट भी भर सके।
पालतु संभाल-पूज्य गुरुजी द्वारा चलाई गई यह मुहिम देश में बढ़ रहे बेसहारा पशुओं खासकर गोवंश के लिए कल्याणकारी साबित हो रही है। अक्सर देखा जाता है कि गाय इत्यादि पशु के दूध देना बंद कर देने पर अथवा पशु में सामान ढोने-कृषि कार्य करने की क्षमता न रहने पर पशु पालन उन्हें खदेड़ देते हैं। जिसे वे सड़क पर बेसहारा घूमते रहते हैं और अक्सर हादसों का कारण और शिकार बनते हैं। ऐसे पशुओं की बढ़ती तादाद को रोकने के लिए पूज्य गुरुजी ने प्रण करवाया कि डेरा सच्चा सौदा से जुड़े सेवादार पशुओं को आवारा नहीं छोड़ेंगे और उनकी पूरी संभाल करेंगे।
पूज्य गुरुजी के पावन वचनों की पालना करते हुए साध संगत व सेवादार संकटग्रस्त पशुओं की जान बचाते हैं। डेरा सेवादारों द्वारा बड़ी नहर में बहती गाय, नीलगाय, दलदल तथा सड़क बनाने के काम आने वाले तारकोल में फंसी गायों को निकालने के अनेक किस्से हैं, जिनमें डेरा प्रेमियों के अथक प्रयासों से निरीह प्राणियों को नया जीवनदान मिला है।
पूज्य गुरुजी रखते हैं पशु-पक्षियों से अथाह स्नेह | World Animal Day
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पशु-पक्षियों से भी अथाह स्नेह रखते हैं। पूज्य गुरु जी जहां आमजन को माँसाहार छोड़ने के लिए प्रेरित करते हैं, वहीं पशुओं के प्रति प्रेम और दयाभाव रखने की शिक्षा देते हैं। पूज्य गुरु जी के वचन हैं कि खाना बनाते समय पहली रोटी निकालकर गाय या अन्य पशुओं को खिलाएं। आपजी आमजन को पशुओं के प्रति क्रूरता न करने के लिए भी प्रेरित करते हैं। पूज्य गुरुजी देसी नस्ल की गाय और घोड़े को चारा डालते नजर आए हैं। ऐसे दृश्य पशुओं के प्रति दया भावना दिखाने की प्रेरणा देते हैं।
उद्देश्य
- पशुओं के प्रति क्रूरता रोकना
- पशु संरक्षण और उनकी चिकित्सा को बढ़ावा देना
- जीव-जंतुओं को सम्मान और उनका हक दिलाना
- प्राकृतिक जंगलों का जानवरों के लिए संरक्षण करना
- पशुओं की स्थिति को और बेहतर करना।
- पशुओं की भावनाओं का सम्मान करना।
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