- रैन बसेरों में रुकने के लिए पहचान पत्र या आधार कार्ड जरूरी नहीं
- डीसी ने रात को भ्रमण करके जानी रैन बसेरों की हकीकत
- शहर में ठंड में ठिठरते लोगों को भेंट किए कंबल
संजय कुमार मेहरा
गुरुग्राम। शहर में निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में बनाए गए रैन बसेरों का निरीक्षण करने के लिए जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव ठंडी रात में अधिकारियों के दल के साथ निकले। उन्होंने वहां सुविधाओं का आंकलन किया।
कई पहलुओं पर विचार करते हुए डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि रैन बसेरों में ठहरने के लिए किसी के लिए भी अब पहचान पत्र, आधार कार्ड जरूरी नहीं है। इसके अलावा बस अड्डे पर महिलाओं के लिए अलग से रैन बसेरा बनाने के उन्होंने निर्देश दिए।
उन्होंने शहर की स्वयं सेवी संस्थाओं से भी अपील की है कि वे ठिठुरती ठण्ड को देखते हुए बेघर लोगों को रेन बसेरों में ठहरने के लिए प्रेरित करें, वहां उनसे आधार कार्ड या पहचान पत्र नहीं मांगा जाएगा। उन्होंने कहा है कि कोई भी व्यक्ति जिसके पास रात को रुकने का ठिकाना ना हो, वह रैन बसेरे में रुक सकता है। चाहे कोई व्यक्ति दिन में मजदूरी करे और रात को वह रैन बसेरे में आकर रुक सकता है। वहां ठहरने वाले लोगों को मानवता के नाते बिस्तर, पानी व खाना आदि उपलब्ध करवाया जाएगा।
मंगलवार रात्रि को डीसी निशांत कुमार यादव ने गुरुग्राम रेलवे स्टेशन, भीम नगर, सोहना चौक, मुख्य बस अड्डा तथा राजीव चौक स्थित रैन बसेरों का निरीक्षण कर वहां दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। वहां रात्रि विश्राम के लिए ठहरे लोगों से फीडबैक भी लिया। इस दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशन परिसर का भी दौरा कर वहां खुले में फुटपाथ पर सो रहे लोगों को रैन बसेरे तक भी पहुंचवाया।
उपायुक्त के इस निरीक्षण दौरे में एडीसी विश्राम कुमार मीणा सहित रेड क्रॉस व नगर निगम गुरुग्राम की अधिकारियों की टीम के सदस्य भी थे। हर रैन बसेरे के लिए डीसी ने एक एचसीएस या आईएएस स्तर के अधिकारी की ड्यूटी लगाई हुई है।
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