गुरुग्राम(सच कहूँ न्यूज)। पत्नी व मासूम पुत्री की हत्या करने के आरोपी पति को जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरनाम सिंह ठाकुर की अदालत ने शनिवार को उम्रकैद व आर्थिक जुमार्ने की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि वर्ष 2015 की 9 मई को मानेसर थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि आईएमटी सैक्टर 7 के एक खाली पड़े प्लाट में महिला का शव पड़ा हआ है, जिसे कुत्ते नौंच रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी और शव को कब्जे में ले लिया था और लोगों के बयान भी दर्ज किए थे।
शव को हत्या करने के बाद गाड़ा
खाली पड़े प्लाट के पास ही भिवानी का आशाराम खोखा लगाता था और निकट ही अपनी पत्नी उपदेश उर्फ सुमन व 12 वषीर्या पुत्री ज्योति के साथ रहता था। उपदेश के घर से गायब होने पर जब ज्योति ने अपने पिता से अपनी मां के बारे में जानकारी चाही तो आशाराम ने ज्योति का गला दबाकर उसकी हत्या कर शव को खाली प्लाट में उसी स्थान पर गाड़ दिया था, जहां उसकी माता का शव हत्या करने के गाड़ा गया था। आशाराम के गायब होने पर पुलिस को उस पर ही दोनों हत्याओं का शक हो गया था। मृतका के शव की पहचान नहीं हो पाई थी। सतेंद्र पाण्डेय की शिकायत पर 24 मई को भिवानी के आशाराम के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को भिवानी से गिरफ्तार कर लिया था और उसने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया था।
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